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पंकज व कबीर दोषी करार, कल मिलेगी सजा

जमशेदपुर : टाटा मुख्य अस्पताल के चिकित्सक और भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार की हत्या में गिरफ्तार पंकज दुबे और शेख हेशामुद्दीन उर्फ कबीर को जिला जज-13 की अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोनों को धारा 302 और 27 के तहत दोषी पाया. सजा तीन अक्तूबर को सुनायी […]

जमशेदपुर : टाटा मुख्य अस्पताल के चिकित्सक और भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार की हत्या में गिरफ्तार पंकज दुबे और शेख हेशामुद्दीन उर्फ कबीर को जिला जज-13 की अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोनों को धारा 302 और 27 के तहत दोषी पाया. सजा तीन अक्तूबर को सुनायी जायेगी. मामले में कोर्ट में अपर लोक अभियोजक श्याम कुमार महतो ने बहस की. उन्होंने कुल 18 लोगों की गवाही करायी.
अपर लोक अभियोजक श्याम कुमार महतो ने बताया, एफएसएल रिपोर्ट और मोबाइल के सीडीआर से कोर्ट को काफी मदद मिली थी. 25 जनवरी 2010 को पंकज दुबे को गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से पिस्तौल भी मिली थी. एफएसएल की जांच में पाया गया कि इसी पिस्तौल से घटना को अंजाम दिया गया था. मोबाइल टावर लोकेशन और सीडीआर रिपोर्ट से भी प्रमाणित हुआ था कि घटना के समय पंकज घटनास्थल पर ही मौजूद था.
17 दिसंबर 2009 की घटना : 17 दिसंबर 2009 की शाम करीब 6.15 बजे डॉ प्रभात के नॉर्दन टाउन स्थित आवास (बंग्लो नंबर 15) पर दो लोग पहुंचे थे. कॉल बेल बजाने पर डॉ प्रभात की पत्नी और बेटा शिव बाहर आये. दोनों ने उन्हें बताया कि वे इलाज कराने आये हैं. इसके बाद दोनों को बैठने को कह डॉ प्रभात की पत्नी और बेटा अंदर चले गये. थोड़ी देर के बाद गोली चलने की आवाज आयी. दोनों बाहर आये, तो पाया कि डॉ प्रभात खून से लथपथ पड़े हैं.
दोनों युवक गेट से भाग रहे हैं. डॉ प्रभात का छोटा बेटा आशीष वैष्णव ने भी दोनों को भागते देखा था. घटना को लेकर डाॅ प्रभात के बेटे शिव सौरव ने बिष्टुपुर थाने में मामला दर्ज कराया था. डॉ प्रभात की हत्या से कुछ दिन पहले डॉ पीके मिश्रा पर पंकज दुबे ने फायरिंग की थी. वह गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. डॉ प्रभात इस मामले में डॉ पीके मिश्रा की पैरवी कर रहे थे. बताया जाता है कि इससे पंकज दुबे परेशान था. डॉ प्रभात की हत्या कर दी.
जेल में बंद है पंकज व कबीर
डॉ पीके मिश्रा पर फायरिंग के मामले में पंकज दुबे को 10 वर्ष की सजा मिली थी. फिलहाल वह जेल में बंद है. मानगो के व्यवसायी इंद्रपाल सिंह की हत्या में भी पंकज व कबीर का नाम आया था. इस मामले में पंकज दुबे साक्ष्य के अभाव में बरी हो गया था. कबीर को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. वर्तमान में कबीर को एमजीएम अस्पताल के कैदी वार्ड में रख कर इलाज किया जा रहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उसकी पेशी नहीं हो पायी. हालांकि उसके अधिवक्ता कोर्ट रूम में मौजूद थे.
दोनों को फांसी की सजा मिले
दोनों अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. दोनों ने सीरियल किलर बन कर न केवल डॉ प्रभात की, बल्कि कई निर्दोष लोगों की हत्या की है. कई परिवार को बर्बाद किया है. डॉ प्रभात गरीब मरीजों की मदद मुफ्त में करते थे. उनकी हत्या के बाद गरीबों की परेशानी भी बढ़ गयी.
– अनामिका प्रभात, डॉ प्रभात की पत्नी
(फोन से बातचीत के आधार पर)

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