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सीआइएससीइ बोर्ड में आठवीं तक शारीरिक शिक्षा व योगा अनिवार्य

जमशेदपुर : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) के स्कूलों में अब आठवीं तक बच्चों के लिए परफॉर्मिंग आर्ट, फिजिकल एजुकेशन और योगा की पढ़ाई अनिवार्य की जायेगी. अब तक ये तीनों विषय वैकल्पिक होते थे. पर अब बच्चों को इन तीनों विषयों में पास करना अनिवार्य होगा. साथ ही इस साल से […]

जमशेदपुर : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) के स्कूलों में अब आठवीं तक बच्चों के लिए परफॉर्मिंग आर्ट, फिजिकल एजुकेशन और योगा की पढ़ाई अनिवार्य की जायेगी. अब तक ये तीनों विषय वैकल्पिक होते थे. पर अब बच्चों को इन तीनों विषयों में पास करना अनिवार्य होगा. साथ ही इस साल से सीआइएससीइ बोर्ड के सभी स्कूलों में 11वीं और 12 वीं में मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई होगी. यह वैकल्पिक विषय होगा.

बोधगया में बिहार-झारखंड के सीआइएससीइ बोर्ड के स्कूलों के प्राचार्यों की रीजनल मीट में इसकी घोषणा की गयी. बोर्ड की असिस्टेंट सेक्रेट्री संगीता भाटिया ने इससे संबंधित घोषणा की. इस रीजनल मीट में जमशेदपुर के करीब 30 प्रिंसिपल शामिल हुए.

मार्किंग स्कीम में छेड़छाड़ नहीं : रीजनल मीट में सभी प्राचार्य को बताया गया कि बोर्ड की ओर से तय मार्किंग स्कीम में किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. परीक्षा के बाद अलग-अलग शहरों के विषयवार को-अॉर्डिनेटर
की दिल्ली में मीटिंग होगी. को-अॉर्डिनेटर अपने शहर में उक्त विषय के सभी परीक्षकों को बोर्ड की मार्किंग स्कीम से अवगत करायेंगे. जो मार्किंग स्कीम तय की जायेगी, उससे इतर कॉपियों की जांच नहीं होनी चाहिए.
स्कूल स्तर पर होगी नौवीं और 11वीं की परीक्षा
पिछले साल सीआइएससीइ बोर्ड ने संबद्धता प्राप्त देश के सभी स्कूलों में नौवीं और 11वीं की फाइनल परीक्षा स्कूल स्तर पर नहीं लेने का आदेश दिया था. एकरूपता लाने के उद्देश्य से तय किया गया था कि नौवीं अौर 11 वीं की फाइनल परीक्षा का पेपर बोर्ड एग्जाम की तर्ज पर सेंट्रलाइज्ड ही भेजा जायेगा. कॉपियों की जांच भी बोर्ड के स्तर से ही करवाने का फैसला लिया गया था. लेकिन इस पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया गया है. इस फैसले को 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
शिक्षकों की योग्यता व उनके अनुभव भेजेंगे प्रिंसिपल
10वीं व 12वीं की परीक्षा कॉपियों को जांचने के लिए परीक्षकों की चयन प्रक्रिया भी 2019 से बदल जायेगी. वर्तमान व्यवस्था में किसी स्कूल के प्रिंसिपल किसी विषय की कॉपियों की जांच करने के लिए शिक्षक का नाम खुद बोर्ड के पास भेजते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. प्रिंसिपल विषयवार अपने शिक्षकों की योग्यता व उनके अनुभव बोर्ड के पास अॉनलाइन भेजेंगे. बोर्ड इनमें से ही परीक्षकों के नाम का चयन करेगा.
परफॉर्मिंग आर्ट भी अब नहीं रहेगा वैकल्पिक विषय
तीनों विषयों में पास करना होगा अनिवार्य
2019 से 11वीं और 12 वीं में मास कम्यूनिकेशन की सभी स्कूलों में होगी पढ़ाई, वैकल्पिक विषय होगा
और क्या-क्या
नौवीं और 11वीं की परीक्षा का पेपर बोर्ड के स्तर से भेजने का निर्णय 2020 तक स्थगित, स्कूल अपने स्तर से लेगा परीक्षा
कॉपियों की जांच करने के लिए परीक्षक के चयन की प्रक्रिया 2019 से बदलेगी, बोर्ड तय करेगा परीक्षकों के नाम
परीक्षक तय मार्किंग स्कीम से अलग नहीं जांच सकेंगे कॉपी

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