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30 कराेड़ के आइटीसी फ्रॉड में कंपनी का निदेशक गिरफ्तार
जमशेदपुर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में 30 कराेड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा करनेवाले बाेकाराे सिद्धि विनायक समेत अन्य कई कंपनियाें के प्राेपराइटर सत्य प्रकाश सिंह काे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूराे जमशेदपुर की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के पूर्व उसका बयान साकची स्थित डीजीजीआइ कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर गाैतम कुमार के समक्ष […]
जमशेदपुर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में 30 कराेड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा करनेवाले बाेकाराे सिद्धि विनायक समेत अन्य कई कंपनियाें के प्राेपराइटर सत्य प्रकाश सिंह काे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूराे जमशेदपुर की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के पूर्व उसका बयान साकची स्थित डीजीजीआइ कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर गाैतम कुमार के समक्ष रिकार्ड किया गया, जिसके बाद सत्य प्रकाश सिंह काे आर्थिक अपराध मामलाें काे देखनेवाले जमशेदपुर काेर्ट के जज वाइसी वर्मा की अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया.
सत्य प्रकाश के खिलाफ जीएसटी ब्यूराे द्वारा मामला दर्ज कराया गया था. उसके एक अन्य साथी दिनेश व्यास काे 24 जुलाई काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जीएसटी फ्रॉड मामले में बिहार-झारखंड जीएसटी टीम द्वारा की गयी यह दूसरी गिरफ्तारी है.
10 कराेड़ का फ्रॉड करनेवाला दिनेश बंद है घाघीडीह जेल में :
जीएसटी के तहत दस कराेड़ का आइटीसी फ्रॉड करनेवाले दिनेश व्यास 24 जुलाई काे ब्यूराे के हत्थे चढ़ा था. उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था. उसका बयान रिकार्ड किया गया, उसने जब अपराध स्वीकार किया ताे उसे जेल भेज दिया गया. दिनेश व्यास ने श्रीमाली इंडस्ट्रीज जाेधपुर आैर गांधीधाम में अपनी कंपनी काे निबंधित कराया था.
इसके अलावा वैभव इंटरप्राइजेज, जाेधपुर आैर श्रीमाली एलायज गांधीधाम में भी उनकी फर्म है. इन फर्म ने सिद्धि विनायक मेटल एंड साल्ट कंपनी बाेकाराे, ऋद्धि सिद्धि इंटरप्राइजेज, जयपुर से फर्जी बिल पर माल की खरीद दिखाया गया. तीनाें फर्म के एवज में आइटीसी का दावा किया गया. जांच के दाैरान कंपनियाें के मालिकाें ने बताया कि उन्हाेंने बाेकाराे की कंपनी के साथ किसी तरह का माल खरीद नहीं किया है.
जल्द गिरफ्तार हाेंगे नाै आैर आराेपी
जीएसटी फ्राड में सेंट्रल एक्स. के रडार पर नाै आैर आराेपी फरार है. इनकी गिरफ्तारी के लिए तार बिछाये गये हैं. दिनेश व्यास आैर सत्य प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद विभाग ने अन्य नाै आराेपियाें की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिये हैं. इनमें अंकित कुमार मिश्रा, दिलीप सिंह साेलंकी, प्रदीप कुमार सिंह, अभिजीत कुमार, आशुताेष कुमार, रवि, मुकेश अग्रवाल, दीपक झा, निकित कुमार मित्तल के नाम शामिल हैं.
विभागीय अधिकारियाें ने बताया कि उक्त थाना में प्राथमिकि दर्ज कराये जाने के बाद भी इस पर किसी तरह का संज्ञान पुलिस ने नहीं लिया. विभागीय सूत्राें ने बताया कि जीएसटी लागू किये जाने के वक्त नियमाें काे काफी लचीला किया गया था. इस दाैरान वित्त मंत्रालय से भी निर्देश था कि अधिक पूछताछ नहीं की जाये. इसी का फायदा उठाते हुए कुछ व्यापारियाें ने फर्जी कागजात के माध्यम से खुद काे निबंधित कराते हुए बड़ा फ्रॉड किया.
ऐसे लगाया सरकार को चूना
विभागीय अधिकारियाें ने बताया कि बाेकाराे स्टील सिटी सेक्टर 3 क्वार्टर नंबर 362 सत्यप्रकाश सिंह (पैतृक गांव लाैटन, मिनापुर मुजफ्फरपुर बिहार) द्वारा फर्जी इनवॉयस जारी कर जीएसटी के तहत 30 कराेड़ से अधिक का आइटीसी हासिल कर सरकार के राजस्व काे चूना लगाया है. सत्य प्रकाश ने मेसर्स सिद्धि विनायक मेटल एंड साल्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड बाेकाराे वर्द्धवान, मेसर्स श्रीश्याम स्टील इंटरप्राइजेज बाेकाराे, मेसर्स रेनू राज इंटरप्राइजेज बाेकाराे नामक कंपनियाें के पते से फर्जी इनवॉयस जारी किये.
उक्त सभी फर्म का निबंधन जीएसटी विभाग में स्क्रैप अॉफ आयरन एंड स्टील, स्पंज आयरन, बिलेट्स आदि के सप्लायर्स के रूप में है. सेंट्रल एक्स. विभाग काे एक मामले की जांच के दाैरान जानकारी मिली कि उक्त तीनाें फर्म के निदेशक सत्य प्रकाश सिंह विभिन्न कंपनियाें के नाम पर फर्जी इनवॉयस जारी कर आइटीसी हासिल कर रहे हैं. फर्जी तरीके से जारी किये जानेवाले इनवॉयस के माध्यम से 30 कराेड़ से अधिक का आइटीसी हासिल कर सरकारी राजस्व काे नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है.
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