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भूख से मौत हुई, तो राज्य सरकार जिम्मेदार

जमशेदपुर : राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू है. इससे राज्य के 80 फीसदी लोगों को लाभ मिल रहा है. इसके बावजूद अगर किसी की मौत भूख से होती है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. उक्त बातें केंद्रीय खाद्य सचिव रविकांत ने कहीं. वह बुधवार को क्षेत्र भ्रमण और अधिकारियों संग समीक्षा […]

जमशेदपुर : राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू है. इससे राज्य के 80 फीसदी लोगों को लाभ मिल रहा है. इसके बावजूद अगर किसी की मौत भूख से होती है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. उक्त बातें केंद्रीय खाद्य सचिव रविकांत ने कहीं. वह बुधवार को क्षेत्र भ्रमण और अधिकारियों संग समीक्षा बैठक के बाद डायरेक्टर बंग्लो में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
जहां भी राशन मिलने में दिक्कत है, डीसी देखें. झारखंड, बंगाल अौर ओड़िशा के सीमावर्ती इलाकों में खासकर गुड़ाबांधा पहाड़ी, दुर्गम व सुदूर ग्रामीण इलाके में कार्डधारियों को समय पर राशन नहीं मिलता है. इन क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं रहना बड़ी समस्या है. इस सवाल के जवाब में सचिव ने कहा कि ऐसे मामले में इ-पॉश मशीन के बदले अॉफलाइन राशन भी देने का प्रावधान किया गया है. इसी तरह मजदूर, कुष्ठ रोगी, दुर्घटना में हाथ गंवा चुके लोगों की पहचान कर उन्हें अॉफलाइन राशन दी जा सकती है. इसके अलावा राशन मिलने में कार्डधारी को कोई दिक्कत है, तो डीसी मामले को देखेंगे.
बांटे जा रहे हैं 550 लाख टन खाद्यान्न. खाद्य सचिव ने कहा कि देश में सालाना 550 लाख टन खाद्यान्न बांटे जाते हैं. खाद्य वितरण प्रणाली को ऑनलाइन किया गया है. किस डिपो में कब से खाद्यान्न स्टॉक में है और पूर्व के स्टॉक की खपत हुई है या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है. धान, गेहूं का अधिक उत्पादन करने वाले राज्य पर सरकार का विशेष ध्यान है.
खाद्यान्न भींगने और सड़ने की बात गंभीर
केंद्रीय सचिव ने कहा कि किसी भी स्तर से हुई लापारवाही के कारण खाद्यान्न के भींगने अौर सड़ने की बात गंभीर है. उन्होंने कहा कि एफसीआइ स्टोरेज में खाद्यान्नों के भंडारण होने से भी अनाज के सड़ने व खराब होने के मामले में काफी कमी आयी है. नेचुरल व ट्रांजिट लॉस पर भी विभाग की क्लोज मॉनीटरिंग हो रही है. इससे इस श्रेणी में लॉस काफी कम हो रहा है.

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