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जमशेदपुर : कंपनी प्रबंधन का बड़ा फैसला लागू, टाटा स्टील में मेडिकल एक्सटेंशन अब नहीं

वीपी एचआरएम ने मीटिंग कर यूनियन को बताया,सारे वीपी, चीफ को मेल भेजे कंपनी के सारे डिवीजनों पर लागू होगा फैसला जनवरी 17 में बंद हुआ था तो यूनियन की आपत्ति पर टल गया था फैसला जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों को मिलने वाले मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा को अंतत: बंद कर दिया गया. […]

वीपी एचआरएम ने मीटिंग कर यूनियन को बताया,सारे वीपी, चीफ को मेल भेजे
कंपनी के सारे डिवीजनों पर लागू होगा फैसला
जनवरी 17 में बंद हुआ था तो यूनियन की आपत्ति पर टल गया था फैसला
जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों को मिलने वाले मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा को अंतत: बंद कर दिया गया. जुलाई माह से किसी भी कर्मचारी को मेडिकल एक्सटेंशन नहीं दिया जा सकेगा. पूर्व में इसे जनवरी 2017 में ही बंद कर दिया गया था, लेकिन यूनियन की आपत्ति और चुनाव को देखते हुए इस फैसले को टाल दिया गया था.
गुरुवार की सुबह वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय को बुलाकर कहा कि इसे बंद कर दिया जायेगा. इसकी सूचना तीनों ऑफिस बियररों ने सारे ऑफिस बियररों को दे दी. इसके बाद सारे ऑफिस बियररों ने कहा कि वे लोग इसको नहीं मान सकते. इसके बाद फिर से रात करीब साढ़े आठ बजे तक यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट के साथ बातचीत हुई, जिसके बाद साफ कर दिया गया कि मेडिकल एक्सटेंशन नहीं मतलब नहीं, अब कोई बात नहीं सुनी जायेगी.
इसके बाद तीनों ऑफिस बियरर वापस लौट आये. इस बीच मैनेजमेंट ने मेडिकल एक्सटेंशन बंद करने को लेकर सारे वीपी, चीफ और हेड को मेल भी भेज दिया कि किसी भी हाल में किसी का मेडिकल एक्सटेंशन के लिए कोई रिकमंडेशन (अनुशंसा) नहीं करें क्योंकि यह सुविधा बंद कर दी गयी है.
स्थापना के समय से मिल रही थी सुविधा : 60 साल की रिटायरमेंट की उम्र के बाद भी यदि कर्मचारी शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होते थे, तो उन्हें एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन मिलता था. इससे कर्मचारी 60 की बजाय 61 साल में रिटायर होते थे. सामान्य मेडिकल जांच के बाद मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा कर्मचारियों को कंपनी की स्थापना काल से मिलती आ रही थी. रिटायरमेंट के करीब तीन महीने पहले उनकी जांच कराने के बाद एक्सटेंशन दे दिया जाता था.
मेडिकल एक्सटेंशन पर मैनेजमेंट राजी नहीं : रवि
मेडिकल एक्सटेंशन पर मैनेजमेंट ने कह दिया है कि वे लोग किसी भी हाल में राजी नहीं है. अभी बातचीत और की जायेगी. उम्मीद है कि मेडिकल एक्सटेंशन पर मजदूर हित का ख्याल मैनेजमेंट भी रखेगी.
आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
उम्मीदें बरकरार : अरविंद
मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर अभी हम लोगों की उम्मीदें टूटी नहीं है. हम लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मैनेजमेंट सकारात्मक पहल करेगा और बेहतर रास्ता निकलेगा. लेकिन यह सच है कि अभी मैनेजमेंट मेडिकल एक्सटेंशन चालू करने के लिए राजी नहीं है.
अरविंद पांडेय, डिप्टी प्रेसिडेंट, टाटा वर्कर्स यूनियन
मजदूर हित में लेंगे फैसला : सतीश
मेडिकल एक्सटेंशन का मुद्दा पुराना है. इसको लेकर मैनेजमेंट से बातचीत हुई है. अभी और बातचीत होगी ताकि रास्ता निकाला जा सके. मजदूर हित में हम लोग फैसला लेंगे. अध्यक्ष के साथ मिलकर यह काम करेंगे.
सतीश सिंह, महामंत्री, टाटा वर्कर्स यूनियन
25 हजार कर्मचारियों को होगा लाखों का नुकसान
इस नियम को टाटा स्टील वर्क्स, ट्यूब डिवीजन, टिस्को ग्रोथ शॉप (टीजीएस) से लेकर कंपनी के सभी माइंस क्षेत्र के करीब 25 हजार से ज्यादा कर्मचारियों पर लागू कर दिया गया है. इससे कर्मचारियों को औसतन 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हो जायेगा. एक कर्मचारी अगर एक साल अतिरिक्त काम करता था, तो उसे एक साल का पूरा वेतन अतिरिक्त मिलता था. इस उम्र में सीनियरिटी के हिसाब से सबसे ऊपर होने के कारण कर्मचारी का वेतन सबसे अधिक होता है.
इस हिसाब से साल भर के एक्सटेंशन से वेतन के रूप में लाखों रुपये मिलते थे. अब वे इससे वंचित होंगे. अंतिम वेतनमान के आधार पर ग्रेच्युटी भी होता है, जिसमें नुकसान होगा. पीएफ की कटौती भी नहीं होगी. कर्मचारियों को एक साल की बोनस की राशि भी नहीं मिलेगी. लीव इनकैशमेंट में भी बड़ा नुकसान होगा.

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