मानगो उपद्रव में तत्कालीन थानेदार व सूचक दारोगा की हुई गवाही
जमशेदपुर : मानगो में मुस्लिम एकता मंच की रैली के दौरान हुई हिंसा मामले के गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस अफसरों ने कोर्ट में पहचानने से इनकार कर दिया. शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर रही जिला जज पांच सुभाष की अदालत में आरोपियों को पेश किया था. अदालत में तत्कालीन थानेदार फूलननाथ और मामले के सूचक (वादी) दारोगा रामचंद्र राम की गवाही हुई. गवाही में दोनों पुलिस पदाधिकारियों ने कठघरे में खड़े किसी भी आरोपी की नहीं पहचानने की बात कही. पुलिस पदाधिकारियों ने अपने बयान में अदालत को बताया कि घटना के बाद वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान करायी गयी थी. वह नाम से किसी भी आरोपी को नहीं जानते हैं. वीडियो फुटेज पुलिस के पास है उसी से आरोपी को पहचान सकते हैं.
मालूम हो कि बच्चा चोरी के आरोप में राजनगर समेत नागाडीह में हुई चार-चार लोगों की हत्या के बाद मुस्लिम एकता मंच ने बंद का आह्वान किया था. इस दौरान 20 मई 17 को मंच द्वारा आजादनगर से रैली निकाली गयी थी. रैली मानगो थाना से आगे एक धार्मिक स्थल पर पहुंचते ही हिंसा में तब्दील हो गयी. इसके बाद धार्मिक स्थल पर पथराव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. हिंसा करने वालों ने मानगो थाना में घुसकर तोड़फोड़ की
और आग लगाने का प्रयास किया था. इस मामले में मानगो थाना में रामचंद्र राम के बयान पर 78 नामजद लोगों समेत अन्य के खिलाफ दंगा फैलाने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.
बच्चा चोरी की अफवाह के बाद हुई हत्या के िवरोध में प्रदर्शन के दौरान 20 मई 2017 को हुआ था हंगामा
पिछले छह माह से जेल में बंद आरोपियों की कोर्ट में पेशी