एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान. धरना खत्म करने के सारे प्रयास विफल, तीसरे दिन भी धरना जारी
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प्रशासन ने पानी बंद किया, तो टैंकर मंगाया, तंबू हटाया तो साड़ी का शामियाना बना बारिश में डटी रहीं सेविकाएं
एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान. धरना खत्म करने के सारे प्रयास विफल, तीसरे दिन भी धरना जारी जमशेदपुर : 12 सूत्री मांगों को लेकर एग्रिको मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी आंगनबाड़ी सेविकाओं का धरना-प्रदर्शन तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. आंदोलन को तोड़ने के लिए शुक्रवार को प्रशासन ने मैदान में लगा टेंट हटवा कर […]
जमशेदपुर : 12 सूत्री मांगों को लेकर एग्रिको मैदान में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी आंगनबाड़ी सेविकाओं का धरना-प्रदर्शन तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. आंदोलन को तोड़ने के लिए शुक्रवार को प्रशासन ने मैदान में लगा टेंट हटवा कर पानी व बिजली की आपूर्ति भी बंद कर दी. धरना स्थल पर लगा माइक भी खुलवा दिया. इसके बाद सेविकाएं अपनी साड़ी का टेंट लगाकर धरना में डटीं रही. शाम को आयी बारिश भी सेविकाओं के हौसले को नहीं डिगा सकी. शुक्रवार सुबह सिदगोड़ा थाना प्रभारी धरनास्थल पहुंचे और सेविकाओं से बात करने की कोशिश, लेकिन बात नहीं बनी. पुलिस की महिला जवानों को यहां लगाया गया है. धरना पर बैठी सेविकाएं भजन गा रही हैं और सरकार के विरोध में नारे लगा रही हैं.
निकाली रैली, सभा किया. एग्रिको मैदान में सेविकाअों ने शुक्रवार सुबह रैली निकाली. रैली मैदान के अंदर ही चारों तरफ घूमकर सभा में तब्दील हो गयी. सभा में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनायी और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती हैं, तब तक धरना जारी रहेगा. आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के महामंत्री बालोमणी बाखला ने बताया कि सेविका व सहायिकाओं की कुल संख्या 76 हजार है.
इस समय सात हजार सेविकाएं धरना दे रही हैं. यह तय किया गया है कि चार दिन धरना के बाद दूसरे स्थान की सेविकाएं धरनास्थल पर मोर्चा संभाल लेंगी. सेविकाओं को अभी 4400 व सहायिका को 2200 रुपये मानदेय मिल रहा है. ये लोग सम्मानजनक मानदेय की मांग कर रही हैं. सामुदायिक भवनों में जाकर कर रहीं शौच और स्नान. धरनास्थल के समीप जेएनएसी द्वारा एक चलंत शौचालय लगाया गया है. इसमें महिला व पुरुष के लिए पांच-पांच सीट है. धरनास्थल पर मौजूद सात हजार सेविकाओं के लिए यह नाकाफी है. ऐसी स्थिति में एग्रिको के आसपास स्थित सामाजिक संस्थान आदि को खोल दिया गया है. आदिवासी एसोसिएशन, तुड़ी भवन, दुसाध भवन, एग्रिको क्लब में महिलाएं शौचालय व स्नान कर रही हैं. इसके बाद फिर से धरने पर बैठ जा रही है.
32 साल से कर रही काम, कोई फायदा नहीं. जमशेदपुर की लक्ष्मी देवी ने बताया कि वह 1987 से सहायिका के रूप में काम कर रही हैं. तब सहायिका को 110 रुपये दिये जाते थे. 32 साल बाद हमें 2200 रुपये मिल रहे है. महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पर सरकार वेतन के नाम पर कुछ भी नहीं दे रही है, काम बढ़ाती जा रही है.
यहां से आयी हैं सेविका व सहायिका
धनबाद, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, रांची, बोकारो, कुचाई, पूर्वी व पश्चिम सिंहभूम.
गर्भधारण से प्रसव तक संभालती हैं जिम्मेदारी
धरनास्थल पर बैठी सेविकाओं ने बताया कि उनके ऊपर गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की जिम्मेदारी है. सरकार द्वारा चलायी जा रही अधिकतर योजनाओं का कार्य कराया जाता है. सर्वे में भी हमें लगा दिया जाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, राशन कार्ड के साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ इसलिए नहीं दिया जाता है कि हम सरकारी काम करते है. सरकार द्वारा उसके लिए पैसा दिया जाता है.
पानी गिरता रहा, भींगती रहीं सेविकाएं
एग्रिको मैदान में धरना दे रही आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा लगाये गये टेंट को प्रशासन ने शुक्रवार को सुबह खुलवा दिया. शाम में आयी तेज बारिश में सेविकाएं भीगती रहीं, लेकिन अपने जगह से नहीं हिलीं. साथ में उनके छोटे-छोटे बच्चे भी भींगते रहे. आंधी व पानी के कारण पूरे मैदान में जहां-तहां कीचड़ जम गया था. पानी गिरता देख टेंट हाउस संचालक दोबारा टेंट लेकर मैदान में पहुंचा और लगाने लगा, लेकिन महिलाओं ने उसे वहां से चले जाने को कहा. उनका कहना था कि सरकार व जिला प्रशासन की इच्छा है कि हम लोग भीगते रहें, तो हम हर परिस्थिति का सामना कर लेंगे, लेकिन यहां से हटेंगे नहीं.
छोटे-छोटे बच्चों के साथ रात-दिन दे रहीं धरना
धरनास्थल पर डटी कई सेविकाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंची हैं. गर्मी व बरसात में वह बच्चों के साथ धरने पर हैं. इसमें आठ माह से पांच साल तक के बच्चे हैं. गुमला के चैनपुर प्रखंड से आयी लुसिया तिग्गा अपने आठ माह के बच्चे के साथ बुधवार से धरने पर हैं. उसने बताया कि रात में बच्चे को लेकर खुले आसमान के नीचे सोते हैं. घर में एक पांच साल का बेटे, पिता व सास-ससुर को छोड़कर आयी हैं. गर्मी में बच्चा परेशान है. इसी तरह रश्मि मिंज सहित कई महिलाएं बच्चों के साथ धरना पर डटी हुई हैं.
गर्मी से सेविकायें बेहाल
जमशेदपुर. दिनभर आंगनबाड़ी सेविकाएं गर्मी से बेहाल रहीं. कई बीमार पड़ने की स्थिति तक पहुंच गयी हैं. बावजूद इसके धरना स्थल छोड़ना नहीं चाहतीं. उनका कहना है कि जब तक फैसला नहीं हो जाता धरना पर बैठे रहेंगे.
सेविकाओं से मिले कांग्रेस जिला अध्यक्ष
जमशेदपुर. एग्रिको मैदान में धरना दे रही आंगनबाड़ी सेविकाओं से मिलने शुक्रवार को कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय खां पहुंचे. उन्होंने धरना दे रही सेविकाओं से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने के साथ ही उनसे बात की. थोड़ी देर तक वे धरना स्थल पर रहने के बाद चले गये. विजय खां के साथ कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
सभी मिलकर बना रही हैं खाना
सेविका व सहायिकाओं ने प्रशासन द्वारा पानी कनेक्शन काट दिये जाने पर अपने पैसे से टैंकर मंगाया है. इसके बाद स्वयं खाना बना रही है. खाना के लिए हर सेविका ने आवश्यकता अनुसार सहयोग किया है. हर सेविका अपने-अपने घरों से चावल लेकर आयी हैं. सब्जी बाहर से खरीदकर बनायी जा रही. खाना बनाने के लिए सेविकाओं ने कारीगर को बुलाया था, लेकिन प्रशासन ने भगा दिया. इसके बाद सभी मिलकर खाना बना रही है.
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