10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जब रजिस्ट्रेशन ही रद्द, तो कैसे होगा टेल्को यूनियन का चुनाव : हाइकोर्ट

जमशेदपुर : हाइकोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने टेल्को वर्कर्स यूनियन के चुनाव पर लगी रोक हटाने को लेकर दायर प्रकाश कुमार की याचिका (आइ ए हस्तक्षेप याचिका) को खारिज कर दिया. हालांकि हाइकोर्ट ने आइ ए पर केवल चुनाव पर लगी रोक पर निर्णय सुनाया […]

जमशेदपुर : हाइकोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने टेल्को वर्कर्स यूनियन के चुनाव पर लगी रोक हटाने को लेकर दायर प्रकाश कुमार की याचिका (आइ ए हस्तक्षेप याचिका) को खारिज कर दिया. हालांकि हाइकोर्ट ने आइ ए पर केवल चुनाव पर लगी रोक पर निर्णय सुनाया है. एलपीए पर अभी निर्णय नहीं लिया है. 12 पन्नों के आदेश में कोर्ट ने पांच पैराग्राफ में आइए पर निर्णय दिया. खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि जब यूनियन का रजिस्ट्रेशन ही रद्द है, तो यूनियन का चुनाव कैसे हो सकता है? यूनियन निबंधित नहीं है.

मामले की अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी. खंडपीठ ने प्रकाश कुमार की दलील को स्वीकार नहीं की. न्यायाधीश रोगन मुखोपाध्याय व अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने (याचिका संख्या आइ ए 9192/2017) पर 21 मई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. डबल बेंच ने हाइकोर्ट के एकलपीठ की ओर से चार अगस्त 2017 को (याचिका संख्या 3322/2017) पर दिये गये आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया.

फैसला आते ही टीएमएल नेताओं ने मनाया जश्न : सुबह 9 बजे हाइकोर्ट का फैसला आते ही टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस के नेताओं में खुशी जबकि प्रकाश कुमार के खेमे में मायूसी छा गयी. रांची से लेकर जमशेदपुर तक टीएमएल यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते और महामंत्री आरके सिंह का यूनियन के पदाधिकारियों, कमेटी मेंबरों ने फूल- मालाओं से स्वागत किया.इधर, प्रकाश कुमार ने कहा है कि सभी तथ्यों के साथ वे सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.
कोर्ट ने पांच पैराग्राफ में आइ ए पर सुनाया निर्णय
पैरा एक : टेल्को वर्कर्स यूनियन निबंधन संख्या 98 का निबंधन बिहार सरकार ने तीन मई को रद्द कर दिया है और इस मामले पर एक रिट पिटीशन 1396/2018 भी उच्च न्यायलय के समक्ष लंबित है. इस मामले को सिंगल जज के सामने किसी भी पार्टी ने नहीं रखा. चुनाव एक गंभीर मामला है. कोर्ट को ऐसा लगता है कि यूनियन नहीं है और एक गैर निबंधित यूनियन पर चुनाव का आदेश मुनासिब नहीं है.
पैरा दो : कोर्ट ने संजीवा रेड्डी बनाम कर्नाटक अर्बन वाटर सप्लाई एंड ड्रैनेज बोर्ड का जिक्र किया है. जिसमें यह कहा है निबंधित यूनियन ही औद्योगिक विवाद अधिनियम के सेक्शन 2(क्यूक्यू) में यूनियन का दर्जा है.
पैरा तीन : गुरमीत सिंह के अधिवक्ता द्वारा दिये गये सोहन सिंह और अन्य बनाम जेनरल मैनेजर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, खमरिया जबलपुर और अन्य का उदाहरण का जिक्र है. जिसमें यह कहा गया की हाइकोर्ट केवल अधिकार नहीं होने के कारण लेबर कोर्ट के निर्णय को खारिज नहीं कर सकता है.
पैरा चार : कोर्ट ने कहा है कि उपरोक्त विषय को एलपीए में सुनवाई के समय ही सुना जा सकता है. अभी केवल चुनाव पर रोक की याचिका पर सुनवाई हो रही है. इसलिए गुरमीत सिंह तोते द्वारा रखे तथ्यों को नहीं सुना जा सकता है.
पैरा पांच : कोर्ट ने कहा कि गुरमीत सिंह द्वारा सिंगल जज के फैसले के खिलाफ एलपीए 455/2017 और एलपीए 456/2017 पर भी बहस किया गया है, लेकिन हम उस केस के मेरिट पर कोई अवलोकन नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि जैसा कि देवराज बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र और अन्य केस में निर्णय है कि अंतरिम राहत से अगर अंतिम राहत हो जाता है, तो वैसा निर्णय नहीं दिया जा सकता है. 11/09/2017 के चुनाव पर से रोक हटाया जाता है तो एलपीए निष्फल हो जायेगा. ऐसे में रोक नहीं हटाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि बैंक संचालन का पुख्ता कारण नहीं दिया गया है.
प्रकाश कुमार कोर्ट का चक्कर छोड़ अपना विजन साफ करें. उनके पास कर्मियों का वेतन 30-32 हजार रुपये बढ़ाने का है तो बतायें. तीन माह बाद बोनस, 10 माह बाद ग्रेड होना है. मिलजुल मजदूर हित में कार्य करें
आरके सिंह, महामंत्री, टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन
प्रकाश कुमार को 18 महीने का समय मिला. लेकिन थाना, कोर्ट के चक्कर में ही पूरा कार्यकाल लगा दिया. मजदूर हित में कुछ नहीं किया. चुनाव से किसका भला होगा वे मजदूरों को बतायें.
गुरमीत सिंह तोते, अध्यक्ष, टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन
तकनीकी आधार पर कोर्ट से विरोधियों को तत्काल राहत मिली है. सारे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे. मजदूरों को निराश होने की जरूरत नहीं है. अंत में जीत मजदूरों की ही होगी. उनका अधिकार दिला कर रहेंगे.
प्रकाश कुमार, महामंत्री, टेल्को वर्कर्स यूनियन
कब-कब क्या हुआ
11 दिसंबर 2016 : तोते खेमा ने आमसभा कर अध्यक्ष अमलेश, महामंत्री प्रकाश कुमार को पद से हटाते हुए यूनियन से तीन साल के निष्कासित कर दिया.
28 दिसंबर 2016 : तोते ने श्रम विभाग में स्वयं को महामंत्री और अजय भगत को अध्यक्ष के तौर पर फॉर्म बी में दर्ज करने का आवेदन किया.
2 जनवरी 2017 : प्रकाश कुमार ने 15 ऑफिस बियररों को निष्कासित करने का आवेदन श्रम विभाग में किया.
13 जून 20 17: श्रमायुक्त ने गुरमीत सिंह के आवेदन को स्वीकार कर अध्यक्ष अमलेश कुमार और महामंत्री प्रकाश कुमार अपदस्थ कर दिया.
16 जून 2017: अमलेश और प्रकाश कुमार ने आदेश के खिलाफ संयुक्त रूप से हाइकोर्ट में चुनौती दी.
4 अगस्त 2017: कोर्ट ने श्रमायुक्त के आदेश को खारिज कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का आदेश देते हुए उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया.
23 अगस्त 2017. सिंगल बेंच कोर्ट के फैसले के खिलाफ संदीप कुमार सिंह, विजय भूषण मिश्रा और अन्य द्वारा डिवीजनल बेंच में चुनौती दी गयी. जिसमें चुनाव नहीं कराने की मांग की गयी.
11 सितंबर 2017 : डिवीजनल बेंच ने आदेश के उस अंश जिसमें चुनाव कराने का आदेश था. उसपर रोक लगा दी. साथ ही यूनियन के बैंक अकाउंट के संचालन पर भी रोक लगाया.
5 अक्तूबर 2017: प्रकाश कुमार के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की सूचना पर टाटा मोटर्स प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में केवियेट फाइल किया.
24 फरवरी 2018: प्रकाश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें