जमशेदपुर : अगर आप एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं या तनाव से मुक्ति या फिर रोमांचित होना चाहते हैं, तो आप टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की ओर से चलाये जा रहे क्लाइंबिंग, बोल्डरिंग और वाटर स्पोर्ट्स में अपना हाथ अाजमा सकते हैं. जेआरडी स्थित टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन में स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग और बोल्डरिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है. वहीं डिमना में वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग दी जाती है. पढ़िए रोमांच से भरपूर एडवेंचर स्पोर्ट्स के बारे में बताती यह रिपोर्ट.
स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग का हिस्सा है बोल्डरिंग
स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग से हम आप परिचित हैं. स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग में एक आर्टिफिशियल दीवार पर रस्सी और होल के सहारा चढ़ा जाता है. स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग के तीन भाग हैं लीड क्लाइंबिंग, स्पीड क्लाइंबिंग और बोल्डरिंग.
जमशेदपुर में बढ़ रहा एडवेंचर का क्रेज
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली क्लाइंबिंग ट्रेनिंग में सबसे अधिक छात्र बोल्डरिंग में हिस्सा ले रहे हैं. एक बैच में लगभग 60 बच्चे बोल्डरिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं. बोल्डरिंग में 12 फीट की ऊंचाई वाली वाॅल पर 12 होल्ड के सहारे चढ़ना होता है. एक रूट में 12 होल्ड होते हैं. बोल्डरिंग कंपीटिशन के दौरान कुल चार रूट होते हैं. इसको पूरा करने पर बोनस अंक मिलता है.
मल्टीपल जिम की जगह करें बोल्डरिंग
क्लाइंबिंग कोच विभाष राय के अनुसार फिजिकल फिटनेस के लिए लोग काफी समय जिम में बिताते हैं, लेकिन जिम की जगह बोल्डरिंग का काफी लाभदायक है. बोल्डरिंग ट्रेनिंग से पहले फिजिकल फिटनेस के लिए रनिंग और स्ट्रेचिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है. बोल्डरिंग करने से मोटापा में कमी आती है. साथ ही मांसपेशियों और हाथों में अलग स्ट्रेंथ आता है.
लीड क्लाइंबिंग
टॉप व टाइमिंग दोनों का खासा है महत्व
इस क्लाइंबिंग में नया रूट बनता है. क्यूटो ऑन की मदद से टॉप पर पहुंचना होता है. इसमें टॉप और टाइमिंग दोनों का खासा महत्व है़ लीड क्लाइंबिंग के लिए इस्तेमाल होनेवाली वाॅल की ऊंचाई 50-60 फीट होती है.
स्पीड क्लाइंबिंग
50-60 फीट ऊंचाई वाली वाॅल होती है
स्पीड क्लाइंबिंग भी 50-60 फीट की ऊंचाई वाली वाॅल पर होती है. इसमें क्लाइंबर को हार्नेस के ऊपर चढ़ना होता है. इसमें चढ़ने के लिए जिस रूट का इस्तेमाल होता है, वह स्टार की तरह होता है. इसमें भी टॉप और टाइमिंग काफी मायने रखता है़
आर्मी की नौकरी में मिलता है कोटा
नेशनल और अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करनेवाले क्लाइंबरों को आर्मी और आइटीबीपी में कोटा मिलता है. आर्मी और आइटीबीपी अच्छे क्लाइबंरों की भर्ती करती है. वहीं नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेनेवाले और पदक विजेता खिलाड़ियों को आर्मी की बहाली में कुछ अंक में छूट भी दी जाती है.
बोल्डरिंग के लिए फिटनेस है बेहद जरूरी
बोल्डरिंग में चूंकि वाॅल पर लगे होल्ड को पकड़ कर टॉप पर पहुंचना होता है. इसलिए खिलाड़ियों का फिटनेस काफी मायने रखता है. इसमें खिलाड़ियों का वजन सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है. अधिक वजन वाले खिलाड़ियों के लिए बोल्डरिंग करना काफी मुश्किल होता है.
बोल्डरिंग में इक्यूपमेंट की नहीं होती है जरूरत
स्पीड क्लाइंबिंग और लीड क्लाइंबिंग करने के लिए हारनेस, चॉप, क्लाइंबिंग शू और रोप की जरूरत होती है. वहीं बोल्डरिंग के लिए इन वस्तुओं की आवश्यकता नहीं पड़ती है. 12 फीट की वाॅल पर होल्ड के सहारे ही चढ़ना पड़ता है. बोल्डरिंग वाॅल के नीचे कैश मैट होता है, जिससे खिलाड़ी अगर नीचे गिरे तो उनको चोट नहीं लगे.
योग और ध्यान के जरिये माइंड को शार्प किया जाता है
बोल्डरिंग का रूट बेहद जटिल होता है. इसको चढ़ने के लिए क्रिएटिव माइंड की जरूरत होती है. इसलिए बोल्डरिंग की ट्रेनिंग के दौरान क्लाइंबरों को योग और ध्यान के जरिये माइंड को शार्प किया जाता है.
वर्ष 1987 में की गयी बोल्डरिंग की शुरुआत
बोल्डरिंग की शुरुआत रॉक क्लाइंबिंग को देखते हुए की गयी है़ 1987 में इस खेल की शुरुआत हुई. बोल्डरिंग का इजाद उनके लिए किया गया, जो किसी कारण से रॉक क्लाइंबिंग नहीं कर पाते हैं. बोल्डरिंग बिल्कुल रॉक क्लाइंबिंग की तरह ही है. यह इंडोर गेम है.
डिमना में वाटर स्पोर्ट्स का लें मजा
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से डिमना वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन किया जाता है. आउट बाउंड लीडरशिप प्रोग्राम के तहत आयोजित होनेवाले इस रोमांचक खेल में प्रशिक्षित ट्रेनर प्रतिभागियों को ट्रेनिंग देते हैं.
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से ही भाग लेनेवाले सभी प्रतिभागियों को इक्यूपमेंट और बोर्ड मुहैया कराया जाता है. इसके लिए टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन फीस लेती है. वहीं टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन सर्फिंग का भी आयोजन करती है.
रिवर राफ्टिंग : रोमांच का सफर
पानी की लहरों में रबर बोट में आयोजित होनेवाला यह खेल रोमांच से भरा है. टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर इस खेल का आयोजन दो साल पहले किया गया था. जोएदा से लेकर दोमुंहानी तक रिफर राफ्टिंग का आयोजन किया गया था, लेकिन सुवर्णरेखा नदी में पिछले दो साल से लहर व पानी की गहराई कम होने के कारण इस खेल का आयोजन फिलहाल नहीं किया जा रहा है.
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की चीफ बछेंद्री पाल ने बताया कि उन्होंने गंगा में हरिद्वार से कोलकाता तक के रोमांचक रिवर राफ्टिंग के बाद जमशेदपुर में इसकी शुरुआत की थी. बछेंद्री पाल ने 39 दिन में हरिद्वार से कोलकाता तक का रोमांचक सफर तय किया था.