28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डॉक्टर की पर्ची में हेर-फेर कर थमा रहा जांच का दोगुना िबल

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में संचालित निजी एजेंसी मेडॉल बीपीएल परिवारों से जुड़े मरीजों की पैथोलॉजी जांच के नाम पर लाखों रुपये की फर्जी िबलिंग कर रही है. बिना डॉक्टर की अनुशंसा के मरीजों की अतिरिक्त जांच दिखाकर दो से ढाई गुना बिल बना दिया जा रहा है. मामला तब सामने आया जब एजेंसी की […]

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में संचालित निजी एजेंसी मेडॉल बीपीएल परिवारों से जुड़े मरीजों की पैथोलॉजी जांच के नाम पर लाखों रुपये की फर्जी िबलिंग कर रही है. बिना डॉक्टर की अनुशंसा के मरीजों की अतिरिक्त जांच दिखाकर दो से ढाई गुना बिल बना दिया जा रहा है. मामला तब सामने आया जब एजेंसी की ओर से मार्च माह में 20 लाख से अधिक का बिल अस्पताल अधीक्षक को भेजा गया. मेडॉल का यह खेल लंबे समय से चल रहा है, जिसके पकड़ में आने के बाद अस्पताल प्रबंधन बिल में कटौती भी करता रहा है.
अस्पताल प्रबंधन की जांच में पता चला है कि कई मरीजों की जांच का बिल 10 हजार से भी अधिक हो गया है. कई जांच बिना डॉक्टर की सलाह के ही कराकर सीधे बिलिंग कर दी गयी है. ऐसे मरीजों का बिल छह से आठ हजार तक हो गया है. इतना ही नहीं, मेडॉल द्वारा भेजे गये बिल में कई मरीजों की जांच रिपोर्ट आपस में करीब-करीब एक जैसी है.
जांच में कई बिल बढ़ाकर बनाने की बात सामने आयी है. एक ही तरह के टेस्ट एक ही परिवार के दो लोगों का करके बिल बना दिया गया है. डॉक्टर ने अगर एक टेस्ट लिखा है तो अपनी ओर से कुछ टेस्ट लिखकर उसका भी बिल बना दिया गया है.
गड़बड़ी मिलने पर प्रबंधन ने की कटौती
मेडॉल ने 2016 के सात माह में 48 लाख 2 हजार 341 रुपये का बिल दिया था. जांच के बाद उसे 13 लाख 24 हजार 414 रुपये कर दिया गया. वहीं 2017 में मेडॉल द्वारा तीन माह का बिल 47 लाख 30 हजार 640 रुपये का बिल दिया गया था जिसे कम कर 3 लाख 12 हजार 564 रुपये कर दिया गया.
एक मरीज की एक दर्जन से अधिक जांच
जांच में यह भी पता चला है कि एक ही मरीज की एक दर्जन से ज्यादा जांच की गयी है. डॉक्टरों के अनुसार इतनी जांच की जरूरत ही नहीं थी. इस खेल में बीपीएल कार्डधारी व गर्भवती महिलाओं की जांच अधिक की गयी है. इसका पैसा सरकार देती है.
एक माह में 20 लाख से ज्यादा का दिया बिल, अस्पताल प्रबंधन ने की आपत्ति
केस नंबर एक
श्वेता को कमजोरी थी. डॉक्टरों ने उसे टीसी, डीसी, टी3, टी4 सहित आठ टेस्ट लिखे. लेकिन लैब में चार अतिरिक्त जांच कर उसका बिल दे दिया गया. यानी सिर्फ कमजोरी के लिए एक दर्जन से ज्यादा की जांच की गयी. इसमें 3700 रुपये की अतिरिक्त जांच हुई.
केस नंबर दो
ओपीडी पर्ची नंबर 11709 के मरीज के लिए डॉक्टरों ने कुल छह जांच लिखे थे. लेकिन पैथोलॉजी में जाकर तीन प्रकार की जांच उसे जोड़ दी गयी. इसके एवज में बिल के साथ 2200 रुपये का अतिरिक्त बिल जोड़कर भेज दिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें