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हत्या के बाद परिवारवालों के संग नैना को खोजने में लगा था विक्रम दास

विक्रम को पहले ही दिन पुलिस ने हिरासत में लिया था, दबाव में छोड़ा गया था जमशेदपुर : बर्मामाइंस दास बस्ती में पांच साल की नैना की हत्या पड़ोस में रहने वाले ममेरे भाई विक्रम दास ने की थी. पिछले दो माह से वह नैना को खाली क्वार्टर में ले जाकर छेड़खानी करता था. चार […]

विक्रम को पहले ही दिन पुलिस ने हिरासत में लिया था, दबाव में छोड़ा गया था

जमशेदपुर : बर्मामाइंस दास बस्ती में पांच साल की नैना की हत्या पड़ोस में रहने वाले ममेरे भाई विक्रम दास ने की थी. पिछले दो माह से वह नैना को खाली क्वार्टर में ले जाकर छेड़खानी करता था. चार अप्रैल की शाम को भी वह नैना को लेकर क्वार्टर में गया था. छेड़छाड़ के दौरान नैना जोर-जोर से रोने लगी. पकड़े जाने के भय से उसने पास में पड़े चाकू से विक्रम ने नैना का गला रेत कर चाकू 100 गज दूर झाड़ी में फेंक दिया और घर चला गया.
घटना के कुछ देर बाद परिवार के लोग नैना को खाेजने लगे. परिजनों के साथ विक्रम भी मनीफीट, स्टेशन समेत कई स्थानों पर खोजने गया. बाद में शव मिलने पर वह भयभीत होकर पीछे हट गया. नैना को कई बार लोगों ने विक्रम के साथ देखा था. घटना वाले दिन भी उसे नैना के साथ देखा गया था. इसी सूचना पर पुलिस ने एसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तब मामले का खुलासा हो गया. हालांकि नैना की हत्या के दूसरे दिन ही पुलिस ने विक्रम को हिरासत में लिया था, लेकिन परिजनों द्वारा सड़क जाम करने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. बाद में पुख्ता सबूत मिलने के बाद एक दिन पहले विक्रम को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की.
जिसमें विक्रम ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. विक्रम की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू भी झाड़ी से बरामद कर लिया गया है. नैना के हाथ से गायब चांदी के दो कड़े, गले में पहनी ताबीज भी विक्रम के पास से बरामद कर ली गयी है. एसएसपी अनूप बिरथरे ने शुक्रवार को नैना हत्याकांड का खुलासा करते हुए यह जानकारी दी. इस मौके पर एसपी सिटी प्रभात कुमार, डीएसपी अनुदीप सिंह, बर्मामाइंस थानेदार प्रमोद कुमार सिन्हा और बिरसानगर थानेदार उपेंद्र नारायण सिंह भी मौजूद थे.
बर्मामाइंस दास बस्ती के नैना हत्याकांड का खुलासा
घटना वाले दिन विक्रम को क्वार्टर से निकलते बच्चों ने देखा था
नैना की हत्या के बाद जांच में जुटी पुलिस इस नतीजे पर पहुंच गयी थी कि नैना की हत्या किसी परिचित और करीब व्यक्ति ने ही की है. जिस खाली क्वार्टर में नैना का शव मिला था, वहां बाहर का कोई व्यक्ति नहीं जा सकता था. चूंकि नैना को पहले भी कई बार विक्रम के साथ घूमते देखा गया था और चार अप्रैल की शाम को भी कुछ बच्चों ने विक्रम को घबराहट में क्वार्टर से बाहर निकलते देखा था. इसी सूचना पर पुलिस ने विक्रम को हिरासत में लिया था, लेकिन बस्ती के लोगों के दबाव पर उसे छोड़ दिया गया. पुलिस को यह भी पता चला था कि बस्ती की स्थिति ऐसी है कि यहां न तो कोई बाहरी व्यक्ति आता है न ही बस्ती के लोग बुलाते हैं.

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