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जमशेदपुर :विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति न रोके सरकार : अर्जुन मुंडा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 18वें प्रांतीय सम्मेलन का शहर में आयोजन जमशेदपुर : जमशेदपुर के तुलसी भवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 18 वें प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सोमवार को सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मानव संसाधन विकास विभाग […]

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 18वें प्रांतीय सम्मेलन का शहर में आयोजन
जमशेदपुर : जमशेदपुर के तुलसी भवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 18 वें प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सोमवार को सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मानव संसाधन विकास विभाग मंत्री डॉ नीरा यादव भी उपस्थित थीं.
उद्घाटन सत्र के दौरान मुंडा ने कहा कि सरकार ने झारखंड से बाहर पढ़ने वाले प्रदेश के छात्रों की छात्रवृत्ति न देने का फैसला किया है. अगर यह बात सही है, तो सरकार का यह निर्णय गलत है.
क्योंकि देश जोड़ने की बात की जा रही है, यहां प्रतिभा को राज्यों के बंधन में बांध कर उनकी हक छीना जा रहा है. हमें चाहिए कि कोई विद्यार्थी राज्य के बाहर क्या अगर चांद पर भी जाकर पढ़ाई करने की बात करे, तो उसे सपोर्ट करना चाहिए. क्योंकि अब आप प्रतिभा को किसी दायरे में नहीं बांध सकते हैं. चीजें ग्लोबल हुई हैं, बड़े परिप्रेक्ष्य में ही हमें सोचने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मंत्री परिषद में कोई भी अगर निर्णय लिये जाते हैं, तो उससे पहले होमवर्क करना चाहिए. अलग-अलग स्रोतों से इनपुट लेने के बाद ही कोई फैसला लिया जाये, तो इससे राज्य के नीति निर्धारण में काफी सहूलियत होगी.
मुंडा ने पारसी समुदाय के लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि करीब 900 साल पूर्व लोगों ने भारत में शरण लिया था. उस समय पारसी समुदाय के सामने एक शर्त रखी गयी थी कि वह भारतीय भाषाअों को सीख कर यहीं की भाषा को बोलेंगे. इस शर्त को पारसी समुदाय पूरा कर रहा है.
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े युवाअों में जोश भरा अौर राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाने का आह्वान किया. इससे पूर्व विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इस मौके पर मानव संसाधन विकास विभाग की मंत्री डॉ नीरा यादव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार, परिषद के प्रदेश महामंत्री गुंजन मरांडी, उद्योगपति एसके बेहरा, दक्षिण पश्चिम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विनय विदरे, स्वागत समिति के अध्यक्ष रुपेश कटियार, स्वागत समिति के महामंत्री विनोद तिवारी, डीयू की सचिव महामेघा नागर, डॉ राजीव कुमार, अमरप्रीत सिंह काले, मनोज सिंह समेत कई अन्य उपस्थित थे.
एबीवीपी शिक्षा का माहौल सुधारने में सक्रिय. शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने अपने संबोधन में कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र नेता राज्य में शिक्षा का माहौल सुधारने के लिए सक्रिय हैं.
उन्होंने बताया कि तीन साल के टर्म में एबीवीपी से जुड़े लोग करीब 300 से ज्यादा समस्याएं लेकर उनके पास आये, उन समस्याअों को देखने के बाद जहां तक हो सका उसके निराकरण का प्रयास किया गया है. डॉ यादव ने कहा कि सरकार के पास फंड की कोई समस्या नहीं है. राज्य में शिक्षा का माहौल बेहतर करने के लिए मिलजुल कर प्रयास किया जा रहा है. जिसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं.
जेएनयू जैसे विवि को बंद कर देना चाहिए : बेहरा
शहर के उद्योगपति एसके बेहरा ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम में आने से ऊर्जा मिलती है. उन्होंने कहा कि देश में कई राष्ट्र विरोधी ताकतें काम कर रही हैं. जिस प्रकार से जेएनयू कैंपस में राष्ट्र विरोधी नारे लगाये गये हैं यह किसी भी प्रकार से क्षम्य नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएनयू जैसे विवि को बंद कर देना चाहिए.
डॉ पंकज दूसरी बार चुने गये प्रांतीय अध्यक्ष
जमशेदपुर. अखिल भारती विद्यार्थी परिषद के दो दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन के पहले दिन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री का चुनाव हुआ. जिसमें सर्वसम्मति से डॉ पंकज कुमार सिंह को लगातार दूसरी बार संगठन का अध्यक्ष चुन लिया गया.
वहीं गिरीडीह के रोशन कुमार सिंह को संगठन का नया मंत्री चुना गया है. साथ ही संगठन के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों का चुनाव मंगलवार को अधिवेशन के अंतिम दिन होगा. सोमवार की शाम नयी जिम्मेवारी मिलने के बाद उक्त दोनों ही पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य में संगठन का विकास-विस्तार मुख्य लक्ष्य होगा. उन्होंने कहा कि देश के युवा एबीवीपी की विचारधारा से आकर्षित हैं, जरूरत सिर्फ इस बात की है कि उन्हें संगठन में किस प्रकार जोड़ा जाये.
एबीवीपी के देश में 26 लाख सक्रिय कार्यकर्ता : डॉ पंकज
कार्यक्रम में एबीवीपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि एबीवीपी देश में शिक्षा के स्तर में सुधार करने के साथ ही समाज सुधार व देश में आने वाली हर आपदा से निबटने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
उन्होंने कहा कि एबीवीपी का विस्तार काफी तेजी से हो रहा है. यही कारण है कि देश में एबीवीपी के कुल 26 लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं. 3312 इकाई है. 2670 संपर्क केंद्र हैं, तो वहीं देश के कुल 5532 कॉलेजों में एबीवीपी की इकाई काम कर रही है. विनय विदरे ने भी एबीवीपी के विकास-विस्तार की जानकारी दी. कहा कि 1948 से एबीवीपी की शुरुआत हुई अौर उस वक्त से अब तक यह काम कर रहा है.

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