जमशेदपुर : शहरी क्षेत्रों में एक जनवरी 1985 से पहले सरकारी जमीन पर कब्जा करनेवालों को मकान बनाने के लिए सरकार अधिकतम 10 डिसमिल जमीन देगी. जमीन 30 साल की लीज पर मिलेगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया. शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण करनेवालों को बंदोबस्त की जानेवाली जमीन का लगान और सलामी का फाॅर्मूला भी निर्धारित किया गया है. इसके तहत अगर जमीन का बाजार मूल्य प्रति डिसमिल एक लाख रुपये हो,
तो 30 वर्षों के लिए लगान और सलामी की रकम 25 हजार रुपये होगी. राज्य सरकार के इस फैसले से जमशेदपुर में अतिक्रमण कर बसी 86 बस्तियों के वासियों को भी लाभ पहुंचने की उम्मीद है, जहां लाखों की आबादी सालों से निवास कर रही है. पूर्व में यह जमीन टाटा लीज के अंतर्गत थी, वर्ष 2005 में अतिक्रमित 1600 एकड़ भूमि को टाटा लीज से अलग कर दिया गया और इसे सरकारी घोषित कर दिया गया. अब सरकार की ओर से सरकारी भूमि पर अवैध दखलदारों को बंदोबस्ती की इस पहल से 86 बस्तियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि सोमवार (19 फरवरी 2018) को सरकारी भूमि की लीज बंदोबस्ती की नीति में समरूपता लाने एवं सरकारी भूमि पर अवैध दखल कब्जा की अवधि की गणना के लिए गठित उच्च स्तरीय समित की बैठक हुई. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुए निर्णय के आधार पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने कैबिनेट बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार किया. जिसे मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. कैबिनेट में लाये गये प्रस्ताव में बताया गया कि इसे मुख्यमंत्री, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री व योजना सह वित्त विभाग से अनुमोदन प्राप्त है.
लगान और सलामी का फाॅर्मूला भी निर्धारित अधिकतम 10 डिसमिल भूमि मिलेगी
ये होंगी 3 शर्तें
भूमि की लीज बंदोबस्ती केवल उन लोगों के साथ की जायेगी जो 01.01.1985 से पूर्व भूमि पर घर बनाकर रह रहे हों.
अधिकतम 10 डिसमिल तक ही आवासीय उद्देश्य के लिए लीज बन्दोबस्ती की जायेगी.
यह लीज बंदोबस्ती अहस्तांतरित रहेगी. सिर्फ उत्तराधिकार नामांतरण ही मान्य होगा.
सलामी/लगाम का फॉर्मूला : प्रति डिसमिल 25 हजार लगेगा लगान आैर सलामी
भूमि का मूल्य (प्रति डिसमिल)
Rs 1,00,000
सलामी (लगान का 20 गुणा)
Rs 10,000
लगान (भूमि के अद्यतन बाजार मूल्य का 0.5 प्रतिशत)
Rs 500
30 वर्षों का लगान
Rs 15,000
कुल भुगतेय राशि (सलामी+30 वर्षों का लगान) Rs 10,000+Rs 15,000=Rs 25,000
सलामी एकमुश्त, 30 वर्षां तक दे सकेंगे लगान
इस लीज बंदोबस्ती की कार्रवाई राज्य सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद से की जायेगी. भूमि बंदोबस्ती के लिए सलामी की राशि एकमुश्त देनी होगी तथा लगान प्रतिवर्ष अगले 30 वर्षों तक देना होगा, या इच्छानुसार कोई एकमुश्त देना चाहे तो दे सकता है.
इन 86 बस्तियों को मिल सकता है लीज बंदोबस्ती का लाभ
1. बिरसानगर
2. मोहरदा
3. मुड़ाकाटी
4. जाहेराटोला
5. नागा डुंगरी
6. बागुनहातु
7. विद्यापतिनगर
8. बारीडीह बस्ती
9. फौजा बगान
10. नामदा बस्ती
11. रामदेव बगान
12. न्यू टाटा लाइन
13. विजयनगर
14. देवेन बगान
15. बागुननगर
16. सोखी बगान
17. झगड़ू बगान
18. बजरंगी बगान
19. ग्वाला बस्ती
(तार कंपनी)
20. खाजा बस्ती
21. कंचन नगर
(हरिजन बस्ती)
22. शिव सिंह बगान
23. चंपिया बगान
24. अर्जुन बगान
25. ह्यूम पाइप बस्ती
26. निर्मलनगर ह्यूम पाइप
27. आदर्श बस्ती
28. मनीफीट बस्ती
(एक्सटेंशन)
29. ओड़िया बस्ती (एक्सटेंशन)
30. मनीफीट बाजार (इस्ट)
31. रामाधीन बगान
32. जोजोबेड़ा कैंप बस्ती
33. आजाद बस्ती (टेल्को)
34. लक्ष्मीनगर (एक्सटेंशन)
35. प्रेमनगर
36. जेम्को बस्ती
37.बिरसागढ़(जेम्को)
सरकार को क्यों लाना पड़ा नया प्रस्ताव
कैबिनेट में लाये गये प्रस्ताव में कहा गया कि राज्य सरकार वर्ष 2022 तक सभी परिवारों को घर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है, ऐसे में इन दखलदारों के घरों को तोड़कर भूमि को कब्जा से मुक्त करा पाना संभव नहीं है. साथ ही बंदोबस्ती नहीं होने से राजस्व की भी लगातार क्षति हो रही है. साथ ही कहा गया कि वर्ष 2017 में ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर अवैध दखलकारों के साथ भूमि की लीज बंदोबस्ती की नीति निर्धारित की गयी है, लेकिन शहरी क्षेत्रों के लिए प्रावधान नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में सरकारी भूमि की लीज बंदोबस्ती दखलकारों के साथ करना मुश्किल है. इसलिए कैबिनेट में नया प्रस्ताव लाकर इसके लिए रास्ता साफ किया गया.
अनुसूचित जाति आयोग बनेगा, चार जिलों में कोर्ट
एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे
अनुसूचित जाति के हितों की रक्षा के लिए काम करेगा
एसटी-एससी अत्याचार निवारण एक्ट के तहत लंबित मामलों के लिए बनेंगी चार अदालतें
कैबिनेट ने अनुसूचित जाति आयोग के गठन का फैसला किया है. इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे. आयोग अनुसूचित जाति के हितों की रक्षा के लिए काम करेगा. कैबिनेट ने एसटी, एससी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत लंबित पड़े मामलों को निबटाने के लिए चार विशेष अदालतों के गठन का फैसला किया. इनका गठन रांची, हजारीबाग, धनबाद और देवघर में किया जायेगा. इन जिलों में एसटी, एससी अत्याचार के 100 से अधिक मामले हैं.
कैबिनेट के अन्य फैसले
अपर एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण कुमार को अनिवार्य सेवानिवृत्ति
हाइकोर्ट के लिए 60 अराजपत्रित पदों का सृजन
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मिट्टी परीक्षण के लिए 2600 रिफिल नाफेड से लेने पर सहमति
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रामकृष्ण मिशन आश्रम के विवेकानंद विश्वविद्यालय को 2.94 करोड़ का अनुदान
झारखंड मिल्क फेडरेशन के लिए पीएल खाते में रखे गये 13.22 करोड़ को निकाल कर बचत खाते में रखने पर सहमति
मेसर्स प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड को जीएसटी साफ्टवेयर का काम देने का फैसला
निकाय चुनाव में प्रत्याशियों को दल का चुनाव चिह्न मिलेगा
कैबिनेट ने स्थानीय निकायों के चुनाव से संबंधित नियमावली में किये गये संशोधन के आलोक में दलीय प्रत्याशियों को संबंधित दल का चुनाव चिह्न देने का फैसला किया है. इसके लिए नगरपालिका निर्वाचन चुनाव नियमावली 2012 में आवश्यक संशोधन किया गया है.
स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के गठन का फैसला
कैबिनेट ने उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में जल्दी सूचना एकत्रित करने के लिए स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो के गठन का फैसला किया है. राज्य के मेडिकल कॉलेजों व 500 बेड के सरकार अस्पतालों में अमृत दीनदयाल प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर खोले जायेंगे. जन औषधि स्टोर की स्थापना का काम मनोनयन के आधार पर एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड को मिलेगा. ब्यूरो का नियंत्रण झारखंड विशेष शाखा के पास होगा.