जमशेदपुर : अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा निर्धारित 91वें सम्मेलन में पेशागत सुरक्षा एवं स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए ओसाज के महासचिव समित कुमार कर ने कहा कि आरटीआइ से उन्हें जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने संगठित और असंगठित मजदूरों को परिभाषित करने के लिए कोई नीति नहीं बनायी है.
इससे साफ हो जाता है कि संस्थान द्वारा अपनी मरजी से मजदूरों को इसलिए बांटा जा रहा है कि उन्हें कम सुविधाएं देनी पड़े. पेशागत बीमरियों और दुर्घटनाओं से दुनिया में हर दिन 5500 लोगों की मौत हो रही है. समारोह की अध्यक्षता श्रीकृष्ण संस्थान के प्रमुख हरि वल्लभ सिंह आरसी ने की.
* सिलिकोसिस की चपेट में असंगठित मजदूर
समारोह में मुख्यवक्ता के रूप में मौजूद चेस्ट व डस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर टीके मोहंती ने विस्तार से इन बीमारियों के बताते हुए कहा कि रैमिंगमास (क्योर्टज पाउडर) उत्पादनकारी उद्योग में सिलिकोसिस बीमारियां काफी गंभीर रूप से बढ़ रही हैं. इसकी चपेट में असंगठित मजदूर काफी संख्या में आ रहे हैं. उन्हें बचाने के लिए काफी प्रभावकारी कदम उठाने होंगे. कार्यशाला को सीटू के सचिवनरेंद्र मिश्र, केके त्रिपाठी, ओसाज के सचिव शरत सिंह सरदार ने भी संबोधित किया.
* कार्यशाला के दौरान कई प्रस्ताव पारित किये गये
कार्यशाला के दौरान कई प्रस्ताव पारित किये गये, जिसमें मुख्य रूप से सिलिकोसिस पीड़ितों का मुआवजा का भुगतान जल्द, उनके शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराये जाने, पेशागत सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी नीति बनाने, ऑकुपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ बोर्ड का गठन हो, पेशागत, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी संस्कार विकसित करें, पीड़ितों की पहचान एवं नियंत्रण के लिए कोष आवंटित समेत कई बिंदु प्रमुख हैं. इसके पूर्व उपायुक्त कार्यालय के सामने संस्था की ओर स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया.