एनएमएल में कोयला के थर्मल पावर के इस्तेमाल व मेटलर्जी पर सेमिनार आयोजित
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कोयले के बेहतर इस्तेमाल से ही पर्यावरण को लाभ
एनएमएल में कोयला के थर्मल पावर के इस्तेमाल व मेटलर्जी पर सेमिनार आयोजित जमशेदपुर : कोयले का इस्तेमाल बेहतर तरीके से हो, तो पर्यावरण को भी लाभ मिल सकता है. इसके जरिये स्थायी विकास (सस्टेनेबल ग्रोथ) की ओर बढ़ा जा सकता है. यह बातें बर्मामाइंस स्थित एनएमएल (राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला) में कोयला के थर्मल और […]
जमशेदपुर : कोयले का इस्तेमाल बेहतर तरीके से हो, तो पर्यावरण को भी लाभ मिल सकता है. इसके जरिये स्थायी विकास (सस्टेनेबल ग्रोथ) की ओर बढ़ा जा सकता है. यह बातें बर्मामाइंस स्थित एनएमएल (राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला) में कोयला के थर्मल और मेटलर्जी के इस्तेमाल पर आयोजित सेमिनार के दौरान सामने आयी. इसमें बतौर मुख्य अतिथि कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ अलबर्ट के प्रोफेसर राजेंद्र गुप्ता मौजूद थे.
कार्यक्रम में एनएमएल के डायरेक्टर डॉ इंद्रनील चट्टोराज, डॉ डी बंधोपाध्याय और डॉ संचिता चक्रवर्ती ने अपनी खोज के बारे में जानकारी दी. इस दौरान कुल 12 उद्योगों, एकेडमी व रिसर्च लेबोरेटरी के करीब 50 डेलिगेट ने हिस्सा लिया. इस दौरान मुख्य तौर पर धातु से संबंधित उद्योगों में किस तरह कोयले का इस्तेमाल किया जाना है और यह तकनीकी के साथ ही पर्यावरण स्नेही भी रहे, इसका भी ध्यान रखा गया है. इस दौरान अपने संबोधन में राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बगैर भी काम हो सकता है
और कोयला के साथ मेटलर्जी और थर्मल पावर में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पर्यावरण का ख्याल रखकर कदम उठाया जाये. एनएमएल के चीफ साइंटिस्ट डॉ डी बंधोपाध्याय ने कहा कि पावर व स्टील सेक्टर में सबसे ज्यादा कोयला का इस्तेमाल होता है. इसके लिए जरूरी है कि कोयला के जरिये ज्यादा प्रदूषण नहीं हो और किस तरह से कार्बन के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है. इस दौरान कोल रिसर्च की बारीकियों के बारे में एनएमएल के डायरेक्टर डॉ इंद्रणील चट्टोराज ने जानकारी दी और बताया कि करीब 67 साल से एनएमएल इस खोज को करने में जुटा हुआ है कि किस तरह कोयले के इस्तेमाल को कम किया जाये और यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं हो. इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ संचिता चक्रवर्ती ने किया.
कार्यक्रम के दौरान डॉ डी बंधोपाध्याय, डॉ एके मोहंती, डॉ जे कोनार, डॉ एके उपाध्याय, रुपा दास विश्वास आदि ने अहम भूमिका निभायी. कार्यक्रम में एनटीपीसी, सीसीएल, इसीएल, आइएसएम धनबाद, बीसीसीएल धनबाद, रायगढ़ के डीबी पावर लिमिटेड, सीएमपीडीआइ रांची, जेएनयू नयी दिल्ली, टाटा स्टील, उषा मार्टिन, एनअाइटी जमशेदपुर, सीसीओ कोलकाता व आइएसपी बर्नपुर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में 15 तकनीकी लेक्चर विभिन्न एकेडमी से आये प्रोफेसरों ने प्रस्तुत किया.
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