जमशेदपुर: झारखंड सरकार के श्रमायुक्त सह निबंधक मनीष रंजन ने टीएमएल ड्राइव लाइन यूनियन विवाद में फैसला दे दिया गया है जिसमें चंद्रभान गुट के आवेदन को खारिज करते हुए एमएन राव गुट की कमेटी को मान्यता देकर रजिस्टर बी में कमेटी का नाम दर्ज कर दिया है. एमएन राव खेमे का कहना है कि श्रमायुक्त सह निबंधक ने उनकी कमेटी को मान्यता देते हुए रजिस्टर बी में उनका नाम दर्ज कर दिया है.
क्या-क्या हो सकता है : रजिस्टर बी में यदि चंद्रभान विरोधी एमएन राव-आरके सिंह की कमेटी का नाम दर्ज हो जाता है तो कई संभावनाएं हैं. प्रबंधन नयी कमेटी को मान्यता देगा या वेट एंड वाच की स्थिति में रहेगा, चंद्रभान खेमा हाइकोर्ट में उसे चैलेंज करेगा व स्टे लेने की कोशिश करेगा, रजिस्टर बी में नाम दर्ज होने के बावजूद प्रबंधन चंद्रभान खेमा से ही बात करते रहेगा.
क्या था मामला
एचवी एक्सल व एच वी ट्रांसमिशन के नाम से दो अलग-अलग कंपनी चल रही थी जिसमें एचवी एक्सल कर्मचारी यूनियन व एचवी ट्रांसमिशन कर्मचारी यूनियन कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती थी. बाद में दोनो कंपनी का विलय होकर टीएमएल ड्राइव लाइन कंपनी बनी तो अध्यक्ष राजेंद्र सिंह व महामंत्री चंद्रभान सिंह के नेतृत्व में यूनियन की कमेटी बनाकर श्रमायुक्त को निबंधन के लिए भेजा गया. इस बीच चंद्रभान खेमे में शामिल आरके सिंह, रामनारायण शर्मा, सीआर दहल व अन्य ने पिछली कमेटी के महामंत्री एमएन राव के साथ मिलकर आम सभा करते हुए यूनियन का विलय किया व नयी कमेटी बनायी. कमेटी में एमएन राव अध्यक्ष व आरके सिंह को महामंत्री बनाते हुए श्रमायुक्त के समक्ष निबंधन के लिये दिया गया. इसी मामले में श्रमायुक्त के समक्ष मामला लंबित था जिसमें श्रमायुक्त सह निबंधक मनीष रंजन ने उक्त फैसला दिया.