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साउथ बिहार की चार स्लीपर बोगियों में लाखों की चोरी
चांडिल/जमशेदपुर. राजेंद्रनगर टर्मिनल-दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस (13288) के स्लीपर कोच एस-3, 4, 5 व 11 के करीब 11 यात्रियों के करीब 20 लाख के सामान, जेवर व नकदी चोरी हो गयी. घटना मंगलवार रात करीब एक बजे से तीन बजे के बीच जसीडीह और आसनसोल स्टेशन के बीच हुई. घटना से आक्रोशित यात्रियों ने ट्रेन […]
चांडिल/जमशेदपुर. राजेंद्रनगर टर्मिनल-दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस (13288) के स्लीपर कोच एस-3, 4, 5 व 11 के करीब 11 यात्रियों के करीब 20 लाख के सामान, जेवर व नकदी चोरी हो गयी. घटना मंगलवार रात करीब एक बजे से तीन बजे के बीच जसीडीह और आसनसोल स्टेशन के बीच हुई. घटना से आक्रोशित यात्रियों ने ट्रेन के चांडिल पहुंचने पर हंगामा किया.
यात्री चांडिल जीआरपी थाने में मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे. जीआरपी के जवान टाटानगर स्टेशन में केस दर्ज कराने को कह रहे थे. यह सुनकर यात्री और आक्रोशित हो गये. बाद में टाटानगर स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी थाने में रीना देवी ने दो लाख नकद और करीब 20 हजार का कपड़ा चोरी का मामला दर्ज कराया. वहीं ट्रेन के टाटानगर पहुंचने पर बागबेड़ा निवासी लक्ष्मी शर्मा, पति राज कमल शर्मा (अधिवक्ता) व कीताडीह ग्वाला पट्टी निवासी देवंती देवी, पति रवि शंकर के बयान पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. टाटानगर जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि चूंकि मामला आसनसोल के पास का है, इसलिए केस वहां भेजा जायेगा.
सुबह तीन बजे रीना देवी के हंगामा करने बाद पता चला चोरी हुई है. यात्रियों ने बताया कि सुबह तीन बजे रीना देवी की नींद खुली, तो उनका बैग गायब था. उन्होंने हंगामा करना शुरू किया. इसके बाद धीरे-धीरे पता चला कि चोरों ने चार बोगियों के 11 यात्रियों को निशाना बनाया है. एक महिला अपने पेटीकोट में जेवरात रखी हुई थी. चोरों ने उक्त जेवरात भी उड़ा लिया.
पटना से आसनसोल तक बोगी में नहीं दिखे सुरक्षा जवान. यात्रियों का कहना था कि ट्रेन के पटना से खुलने के बाद आसनसोल तक बोगी में न टीटीई आये, न आरपीएफ का कोई जवान दिखा. आसनसोल के बाद बर्नपुर स्टेशन में जीआरपीएफ, आरपीएफ और टीटीई ट्रेन में चढ़े. यात्रियों ने उनसे चोरी की शिकायत की. आरपीएफ जवानों ने अगले स्टेशन पर मामला दर्ज कराने को कहा.
पहले भी जसीडीह और आसनसोल के बीच हुई है घटना. साउथ बिहार एक्सप्रेस में इसके पूर्व भी कई बार जसीडीह और आसनसोल के बीच चोरी की घटना हुई है. यात्रियों ने बताया कि जसीडीह और आसनसोल के बीच कई बार लूट, चोरी व मारपीट की घटना के बाद भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. रात एक बजे से तीन बजे के बीच यात्री गहरी नींद में होते हैं. इसका फायदा चोर उठाते हैं.
स्प्रे मारकर करते हैं चोरी. ट्रेनों में चोरी करने वाले चोर स्प्रे का इस्तेमाल करते हैं. अधिवक्ता राम कमल शर्मा ने बताया कि वे लोग कुछ स्प्रे कर चोरी का काम करते हैं. लेटने के तुरंत बाद गहरी नींद आ गयी. वैसी गहरी नींद कभी नहीं आयी थी. वहीं रविशंकर की पत्नी ने भी बताया कि कुछ स्प्रे किये जाने के कारण ही ऐसी गहरी नींद आयी. इससे लगता है कि वे लोग कुछ छिड़क कर चोरी करते हैं.
चांडिल में डेढ़ घंटे तक खड़ी रही ट्रेन
ट्रेन के चांडिल पहुंचते ही यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया. बुधवार सुबह 6:35 बजे ट्रेन के चांडिल स्टेशन में पहुंचते ही यात्रियों ने जीआरपी, आरपीएफ पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. करीब डेढ़ घंटे बाद आठ बजे चांडिल स्टेशन मास्टर विष्णु तांती, आरपीएफ ओसी एम मांझी, रेलकर्मी शिवधारी सिंह, आरपीएफ जवान यादव जी और जीआरपीएफ के एसपी मिंज ने यात्रियों को समझाया. इसके बाद ट्रेन को टाटानगर के लिए रवाना किया गया.
ट्रेन में नहीं होती सुरक्षा की व्यवस्था
यात्रियों ने बताया कि पटना से ट्रेन में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी. किसी भी बोगी में जीआरपीएफ, आरपीएफ व टीटीई नहीं थे. ट्रेन में सफर के दौरान यात्री अपनी जान-माल की रक्षा स्वयं कर रहे थे. इसके बावजूद यात्रियों की आंख लगते ही चोरों ने हाथ साफ कर लिया.
तीन अलग-अलग बोगियों में सवार थे चोर
साउथ बिहार एक्सप्रेस में चोरी की घटना के लिए तीन अलग-अलग बोगियों में चोर सवार हुए. यात्रियों के अनुसार एक बोगी में छह सदस्य शामिल थे. यात्रियों के सोने के बाद पुलिस जवान नहीं रहने के कारण चोर ने आसानी से यात्रियों का बैग उड़ा लिया.
बेटी के दिल का ऑपरेशन कराने जा रही थी, सब कुछ लूट लिया, अब क्या करें
मेरी बेटी के दिल में छेद है. उसके ऑपरेशन के लिए पटना से रायपुर जा रही थी. बेटी के इलाज के लिए मेरे बैग में दो लाख नगद व 20 हजार के कपड़े थे. आसनसोल के आसपास करीब 3:30 बजे मेरी नींद खुली, तो देखा कि मेरा बैग नहीं था. मैंने सामने के लोगों से पूछा, तो उन्होंने बताया कि एक आदमी बगल में बैठा था, वह बैग लेकर निकल गया. बहुत मुश्किल से दो लाख रुपये इकट्ठा कर बेटी का इलाज कराने जा रही थी. अब पैसे चोरी होने के कारण बेटी का इलाज नहीं करा पाऊंगी. रीना देवी, यात्री बासुपटी, मधुबनी बिहार
चेन से बांध कर रखा था सूटकेस, चेन काट सूटकेस ले गये : राज कमल शर्मा
साउथ बिहार एक्सप्रेस में अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे बागबेड़ा निवासी राज कमल शर्मा (अधिवक्ता, उच्च न्यायालय रांची ) ने बताया कि ट्रेनों में सुरक्षा के नाम पर जीरो है. ट्रेन में कोई भी नहीं आता है. वे पटना शादी में गये थे. वहां से वापस आ रहे थे. राजेंद्रनगर से वे कोच संख्या एस-5 में चढ़े थे. उन्होंने बताया कि वे अपने दो सूटकेस को चेन से बांध कर रखा था. सुबह आसनसोल में नींद खुली, तो देखा चेन कटे हुए थे आैर दोनों सूटकेस गायब थे. सूटकेस में 80 हजार नगद सहित काफी जेवरात थे. नगद व जेवरात मिलाकर कुल 6.35 लाख रुपये की चोरी हो गयी. घटना के बाद टीटीई व आरपीएफ के जवानों को खोजा, लेकिन वे लोग नहीं मिले. यात्री भगवान के भरोसे हैं. स्लीपर बोगी में भी यात्रियों की सुरक्षा नहीं है. आसनसोल में टीटीई आया तो उसको सूचना देने के बाद टीटीई ने संबंधित थाना को इसकी जानकारी दी. ऐसा लगता है कि आरपीएफ, टीटीई व ट्रेनों में चलने वाले हॉकरों की मिली भगत से ट्रेनों में चोरी होती है. इन सभी को चोरों के बारें में पूरी जानकारी रहती है.
कपड़े में पैकेट बनाकर डेढ़ लाख का जेवरात रखा था, चोर उसे भी काट कर ले गये : रविशंकर
साउथ बिहार एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे कीताडीह निवासी रविशंकर ने बताया कि उनकी पत्नी ने दस हजार नगद व जेवरात समेत कुल डेढ़ लाख का सामान पेटीकोट में पैकेट बनाकर रखा थी. उसको भी काट कर चोरों ने चोरी कर ली. उन्होंने कहा िक ट्रेनों में सुरक्षा के लिए सरकार ने सिर्फ दिखावा किया है. ट्रेन में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है. पटना से लेकर आसनसोल तक ट्रेन के स्लीपर बोगी में एक भी आरपीएफ व टीटीई नहीं आया. उन्होंने बताया कि चोर सात से आठ की संख्या में थे. उन सभी की उम्र 18 से 24 साल के बीच थी. वे लोग गुलगुलिया की तरह लग रहे थे. हमेशा गुटका खा रहे थे. सभी राजेंद्रनगर से चढ़े थे. जिसका मेरी पत्नी ने विरोध भी किया. उन लोगों के पास टिकट नहीं था. उन लोगों ने बताया कि हम लोग हमेशा ट्रेन से आते-जाते हैं. ट्रेन में समान बेचने वाले हाॅकरों से वे लोग सामान खरीद रहे थे, लेकिन पैसा नहीं दे रहे थे. वे लोग अापस में बात कर रहे थे कि तुम लोग अपनी जगह पर जाओ. वहीं अगल-बगल के यात्रियों को बोल रहे थे लाइट बंद कर दें. आप लोग सो जाइये. इस तरह की बात कर रहे थे. वे लोग ट्रेन में बोगी व बैठे लोगों का फोटो भी खींच रहे थे. इस दौरान रविशंकर की पत्नी सोची कि इन लोगों के पास टिकट नहीं है, इसलिए अलग-अलग जगहों पर जा रहे हैं. वे लोग जसीडीह के बाद चले गये. उसके बाद हम सभी सो गये. सुबह लगभग चार बजे नींद खुली तो नीचे आ गये. इतने में पत्नी ने कहा कि पैसा व जेवर नहीं है. जबकि उनकी पत्नी ने दस हजार नगद व जेवरात समेत कुल डेढ़ लाख का सामान पेटीकोट में पैकेट बनाकर रखा थी. चोर उसे भी काट कर ले गये.
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