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पंकज के दोस्तों ने पहले शराब पिलायी फिर बारी-बारी से गोली मार फेंक दिया

पुलिस की पकड़ से बचने के लिये सभी बदलते रहे लोकेशन, ट्रेन में रख दी थी पंकज की मोबाइल जमशेदपुर : मनीफीट के पंकज ठाकुर के बिजनेस पार्टनर उदय चौधरी ने उसकी हत्या की योजना अजय देवगन की फिल्म दृश्यम को देख कर बनायी. उदय ने मन में ठान लिया था कि उसे पंकज ठाकुर […]

पुलिस की पकड़ से बचने के लिये सभी बदलते रहे लोकेशन, ट्रेन में रख दी थी पंकज की मोबाइल
जमशेदपुर : मनीफीट के पंकज ठाकुर के बिजनेस पार्टनर उदय चौधरी ने उसकी हत्या की योजना अजय देवगन की फिल्म दृश्यम को देख कर बनायी. उदय ने मन में ठान लिया था कि उसे पंकज ठाकुर को रास्ते से हटा देना है.
गत 28 अक्तूबर को ही उदित ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर पंकज ठाकुर की हत्या करने की योजना बना ली थी. मोबाइल का टावर लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज से बचने के लिए उदय ने दोस्तों के साथ मिल कर पंकज को कई जगहों पर शराब पिलायी. गोलमुरी केबुल टाउन से शराब पीने के बाद उन लोगों ने बिष्टुपुर में शराब पी. उसके बाद सभी साकची आये. साकची आने के बाद वहां भी उन लोगों ने शराब खरीदी और गाड़ी में ही पी.
इस दौरान उन लोगों ने बिष्टुपुर के एक एटीएम से 26 हजार रुपये भी निकाले. उसके बाद साकची के एक एटीएम से 15 हजार निकाले. उसके बाद उदय चौधरी की गाड़ी से सुमित मिश्रा और ललित उतर गये. सुमित को मोबाइल अौर ललित को पंकज की बाइक को ठिकाना लगाने की बात कह कर भेज दिया गया. पंकज के बाइक को शहर में और मोबाइल को कोलकाता में फेंकने की योजना बनायी गयी थी.
डिमना चौक पर मिले महेश और दीपक. जब उदय अपनी डस्टर कार से पंकज को हाइवे की ओर ले गया, तो डिमना चौक पर उसने अपनी कार को थोड़ी देर के लिए खड़ी कर दिया. डिमना चौक पर ही दीपक और महेश कार पर सवार हुए. दोनों के कार पर सवार होने के बाद उन लोगों ने फिर से शराब पी. उसके बाद पंकज को मारने की बात करने लगे. उस वक्त उदय कार चला रहा था.
उन लोगों ने कार में ही योजना बनायी कि पंकज को रास्ते में गोली मारने के बाद उसे घाटी के जंगल में फेंक देना है. इस बात पर सभी ने सहमति बना ली. इसके बाद चलती कार में ही पंकज ठाकुर को गोली मार दी.
ज्ञानेश्वरी ट्रेन में सुमित ने रखा मोबाइल. पुलिस ने बताया कि पंकज के मोबाइल को कोलकाता में फेंकना था. इस काम को करने का जिम्मा सुमित मिश्रा को दिया गया था. सुमित को उदय ने कहा था कि वह ट्रेन से कोलकाता जाये और उसे वहीं फेंक कर वापस आ जाये.
सुमित मोबाइल लेकर काफी देर तक टाटानगर स्टेशन पर बैठा रहा. वह ट्रेन का चयन कर रहा था. उसी दौरान सुमित ने कोलकाता जाने के बजाय हावड़ा की ओर जाने वाली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में पंकज के मोबाइल फोन को रख दिया और वापस घर आ कर सो गया. लेकिन मोबाइल ट्रेन में एक महिला को मिल गया. जिसके ऑन करने के साथ ही पुलिस ने उसे बरामद कर लिया. पुलिस ने बताया कि पंकज बार-बार कोलकाता जाता था. हत्या के पूर्व भी वह कोलकाता जाने की बात कह रहा था. इस कारण से उदय चौधरी ने उसके फोन को कोलकाता भेजवाया था. साथ ही पुलिस को गुमराह भी किया जा सके.
पूर्व में भी जेल जा चुका है उदय और महेश. उदय चौधरी मारपीट सहित कई मामले में पहले भी जेल जा चुका है. उस पर कई मामले दर्ज हैं. वह केबुल टाउन बस्ती विकास समिति का अध्यक्ष भी है. वहीं महेश मिश्रा भी पोबीर झा हत्याकांड में पूर्व में जेल जा चुका है.
वर्तमान में वह ब्लू स्कोप में काम करता है. साथ ही वेट लिफ्टर भी है.
रांची पुलिस ने किया संपर्क, मिला शव. जमशेदपुर पुलिस ने जब रांची पुलिस से संपर्क किया, तो रांची पुलिस ने बताया कि दशम फॉल थाना क्षेत्र से एक शव को पुलिस ने कुछ दिन पूर्व बरामद किया था.
लेकिन पहचान नहीं होने के कारण उसके शव को रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस ने रखा था. उदय चौधरी से पूछताछ के बाद जब उसने बताया कि पंकज के शव को दशम फाल की घाटी में फेंक दिया था, तो जमशेदपुर पुलिस ने रांची पुलिस से संपर्क किया. रांची पुलिस ने शव के मिलने के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस की टीम रांची पहुंच कर पंकज के शव का शिनाख्त कराया. उस दौरान पंकज के बड़े भाई राकेश सहित कई परिवार के लोग भी थे.
देर शाम मनीफीट पहुंचा पंकज का शव. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिवार के लोगों ने पंकज के शव को लेकर देर शाम उसके घर मनीफीट पहुंचे. मनीफीट में शव के आने के साथ ही परिवार के लोगों का रोना शुरू हो गया. परिवार की कई महिलाएं बेहोश भी हो गयीं. आनन-फानन में परिवार के लोगों को पंकज के शव का दर्शन कराया गया. उसके बाद शव का अंतिम संस्कार भुइयांडीह स्थित स्वर्णरेखा बर्निंग घाट पर कर दिया गया.
पंकज सिंह के नाम से डराता था पंकज ठाकुर
उपेंद्र सिंह हत्याकांड के आरोपी पंकज सिंह से पंकज ठाकुर की दोस्ती थी. हाल के दिनों में वह कई बार पंकज सिंह के नाम से उदय चौधरी को धमकाने का काम भी करने लगा था. वह बार बार बात के बीच में पंकज के बारे में चर्चा करने लगता था. धंधे के बीच में भी पंकज ठाकुर, पंकज सिंह काे लेकर आता था.
पहली गोली दीपक, आखिरी उदय ने मारी
पंकज ठाकुर को कार में सवार दीपक महतो, महेश मिश्रा, मोनी दास और उदय चौधरी ने बारी बारी से गोली मारी. पहली गोली पंकज को चांडिल के पास मारी गयी. गोली मारने के पूर्व पंकज को पूरी तरह से नशे में धुत कर दिया था. उसे थोड़ा भी होश नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है.
पहली गोली दीपक ने मारी थी. उसके बाद बारी बारी से सभी ने गोली मारी. चूकि उदय गाड़ी चला रहा था. इस कारण अंतिम गोली उदय ने घाटी में मारी. उसके बाद वे लोग पुन: वहां से वापस शहर के लिए लौट गये. दीपक के शव से चार गाेली बरामद हुई है. साथ ही घटनास्थल के पास से एक खोखा भी मिला है. बरामद गोली और खोखा उसी 7.65 बोर के पिस्टल की है, जिसे पुलिस ने बरामद किया है.
2015 में मिस्टर झारखंड बना था दीपक. सोनारी निवासी दीपक वर्ष 2015 में मिस्टर झारखंड रहा है. इसके अलावा दीपक ने वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में कई पुरस्कार भी जीते हैं. वर्तमान में वह वेट लिफ्टिंग का काम करता था. दीपक वर्तमान में सोनारी के मंगल सिंह क्लब में जिम इंस्ट्रक्टर का काम करता है. वह कुम्हार पाड़ा सोनारी में रहता है.
उदय चौधरी ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर पंकज ठाकुर की गोली मार कर हत्या कर दी. उसके बाद शव को छुपाने और पुलिस को गुमराह करने के उद्देश्य से शव को दशम फाल के तैमार घाटी में फेंक दिया. जिसके बाद पुलिस ने अनुसंधान के दौरान रांची पुलिस से संपर्क कर शव को बरामद किया है. इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अनूप टी मैथ्यू, एसएसपी , पूर्वी सिंहभूम

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