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मानगो गांधी मैदान: भाजपा को रोकना है,तो सड़कों पर उतरना होगा

जमशेदपुर : मजदूर संगठन बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि इवीएम मशीन में गोलमाल कर कांग्रेस और भाजपा सत्ता में आती है. 2004 आैर फिर 2009 में कांग्रेस ने इवीएम में गड़बड़ी कर सत्ता हासिल की, यदि इवीएम के माध्यम से चुनाव में गोलमाल नहीं रुका तो 2019 में यकीनन भाजपा फिर […]

जमशेदपुर : मजदूर संगठन बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि इवीएम मशीन में गोलमाल कर कांग्रेस और भाजपा सत्ता में आती है. 2004 आैर फिर 2009 में कांग्रेस ने इवीएम में गड़बड़ी कर सत्ता हासिल की, यदि इवीएम के माध्यम से चुनाव में गोलमाल नहीं रुका तो 2019 में यकीनन भाजपा फिर से सत्ता में आ जायेगी. इवीएम में गोलमाल का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. गड़बड़ियाें राेकने के लिए आम जनता को सड़क पर आकर दबाव बनाना होगा.

श्री मेश्राम मंगलवार को मानगाे गांधी मैदान में आयाेजित परिवर्तन रैली काे संबाेधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सात जनवरी काे गाेपाल मैदान में परिवर्तन रैली का फिर से आयाेजन किया जायेगा, जिसमें पूरे राज्य से लाेग जुटेंगे. भारत मुक्ति मोर्चा, आदिवासी सेंगेल अभियान, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, राष्ट्रीय सिख मोर्चा, इंटर नेशनल बौद्धिस्ट नेटवर्क, ऑल इंडिया एकता फोरम एवं भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ने सोमवार को गांधी मैदान में परिवर्तन महारैली का आयोजन किया था. बतौर मुख्य अतिथि वामन मेश्राम ने कहा कि इवीएम को लेकर उनके दर्ज मुकदमे की वजह से भारत निर्वाचन आयोग को इवीएम के साथ और मशीन लगाने के लिए प्रधानमंत्री से सीधे पत्राचार करना पड़ा. चुनाव आयाेग गृह या विधि मंत्री से पत्राचार करता था, लेकिन उनके कारण एेसा पहली बार हुआ.

आदिवासियों को मिले खनिज की राॅयल्टी
वामन मेश्राम ने कहा कि भारत के जिन राज्यों में आदिवासी रहते हैं, वहां धरती के नीचे 11 हजार लाख करोड़ रुपये की खनिज संपदा है. यह आंकड़ा 15 साल पहले किये गये सर्वे की रिपोर्ट का है. उन्होंने कहा कि अगर आदिवासी को खनिज संपदा की सिर्फ रॉयल्टी दे दी जाय तो उनके बैंक खातों में लाखों रुपये होंगे. लेकिन हालात ठीक इसके उलट है. यूनिसेफ की मानें तो देश भर में भुखमरी से मरने वाले बच्चों में 29 फीसदी आदिवासी हैं. ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
85 फीसदी लोगों को नहीं मिल रहा वाजिब हक
शरद यादव द्वारा संसद में उठाये गये प्रश्न का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा में 79.2 फीसदी ब्राह्मण अथवा उच्च जाति के लोग हैं. न्यायिक सेवा और मीडिया में 97 फीसदी लोग ब्राह्मण और उच्च जाति से हैं. देश की पांच राष्ट्रीय पार्टी भी ब्राह्मण की है, इनमें कम्यूनिस्ट पार्टी आैर टीएमसी भी शामिल हैं. उनके संस्थापक भी ब्राह्मण ही रहे हैं. ऐसे में देश के 85 फीसदी लोगों हिस्सेदारी नहीं मिल रही है. कार्यक्रम का संचालन शाहिद रजा धन्यवाद ज्ञापन काशिफ रजा ने किया.

रैली काे पूर्व मंत्री थियाेडर किड़ाे, काजी सऊद आलम, माैलाना सैफुद्दीन असदक, विवेक सिंह, एसएन बाैद्ध, मुफ्ती निशात, माैलाना माे कासमी, तल्हा नदवी, माैलाना दावेद, माैलाना जैनुल आबदीन, माेहम्मद शाहिद शकील ने भी संबाेधित किया. उपस्थित नेताओं ने राजनीतिक हक हािसल करने के लिए एक मंच पर आने का आह्वान किया.
आदिवासी हिंदू नहीं : सालखन
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं. उनका धर्म सरना है. लेकिन भारत सरकार आदिवासी के धर्म को संविधान में जगह नहीं दे रही है. जनगणना के कॉलम कोड में सरना धर्म को भी दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने ऐसी नीति बनायी, जिससे दूसरे प्रदेश के लोगों को टीचर, वन रक्षी और पुलिस की नौकरी मिल रही है. यहां 14 साल तक आदिवासी मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन लोगों ने आदिवासी के हित में नीतिगत निर्णय नहीं लिया. इसलिए भाजपा, झामुमो, झाविमो, आजसू को छोड़ जनता तीसरा विकल्प चाहती है.
आदिवासी अपने बूते सरकार नहीं बना सकते : सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों को यह समझना होगा कि वे अपने बूते सरकार नहीं बना सकते. इसके लिए और लोगों को साथ जोड़ना होगा. इसलिए दलित, पिछड़ा, सिख एवं मुसलमान को मिला कर मोर्चा बनाया गया है. यहां आदिवासी के लिए 30 विधानसभा क्षेत्र आरक्षित है तो दलित के लिए 10, मुसलमान को 15 सीट पर लड़ाया, सिख को एक सीट पर मौका दिया जायेगा.
तय समय से 40 मिनट अधिक चला कार्यक्रम
मानगाे गांधी मैदान में जिला प्रशासन ने आयाेजनकर्ताआें काे 4-6 बजे तक ही कार्यक्रम की परमिशन दी थी. लेकिन 40 मिनट अधिक तक कार्यक्रम जारी रहा. वामन वेश्राम ने कहा कि वे संविधान काे जानते हैं अाैर सुप्रीम काेर्ट में जिला प्रशासन के खिलाफ केस करेंगे. माैलिक अधिकाराें काे छीनने का काम जिला प्रशासन ने किया है. उलीडीह थाना के प्रभारी मुकेश चाैधरी ने तय समय से अधिक भाषण हाेने पर मंच के सामने आकर घड़ी दिखायी. इसके बाद भी वक्ता नहीं माने. निर्धारित समय बीतने के बाद मुख्यवक्ता ने भाषण दिया. थाना प्रभारी ने कहा कि वे स्टेशन डायरी में इसकी शिकायत दर्ज करेंगे अैार वरीय अधिकारियाें काे रिपाेर्ट करेंगे.

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