सवा दो साल से चल रहे मुकदमे के नतीजे पर टाटा स्टील के कर्मचारियों की दिलचस्पी बनी हुई है. क्योंकि छह महीने बाद हर हाल में टाटा वर्कर्स यूनियन की चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. पिछले टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में को-ऑप्शन और ऑफिस बियरर्स के चुनाव के दौरान मतगणना के तौर-तरीके पर आपत्ति उठी थी.
कमेटी मेंबर भगवान सिंह और अरुण सिंह ने को-ऑप्शन और ऑफिस बियरर्स के चुनाव की मतगणना दोबारा कराने की मांग पर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय भी हाईकोर्ट गये थे, तब वे टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबर थे. बाद में रघुनाथ पांडेय ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. इसके बाद इ सतीश कुमार और सरोज पांडेय की ओर से भी इसी तरह की याचिका दायर की गयी थी. इसमें कहा गया था कि पुराने संविधान से चुनाव हुआ है और नये संविधान को बीच में ही लागू कर दिया गया है, जो गलत है. ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने संशोधित संविधान को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश भी दे डाला है. सतीश कुमार और सरोज पांडेय का तर्क है यूनियन की वर्तमान कार्यकारिणी का चुनाव पुराने संविधान के मुताबिक हुआ था जिसमें कार्यकाल दो साल है. नये संविधान के मुताबिक चुनाव हो जायेगा, तभी वह प्रभावी होगा. पुराने संविधान के तहत कार्यकाल समाप्त हो चुका है और इस हिसाब से तुरंत चुनाव कराया जाये.