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दोनों सड़क के लिए रैयती जमीन के अधिग्रहण को एसआइए पूरी, सौंपी रिपोर्ट , पिपला-गोविंदपुर फोर लेन को हरी झंडी, हुरलुंग में पेंच

जमशेदपुर: गोविंदपुर अन्ना चौक से पिपला चांदनी चौक तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए रैयती जमीन अधिग्रहण के लिए कराया गये सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (एसआइए) में जमीन अधिग्रहण के लिए हरी झंडी दे दी है. दूसरी अोर धोबी घाट से हुरलुंग-बड़ा बांकी रोड के लिए एसआइए में एक गांव पर आपत्ति बतायी गयी है, जिससे […]

जमशेदपुर: गोविंदपुर अन्ना चौक से पिपला चांदनी चौक तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए रैयती जमीन अधिग्रहण के लिए कराया गये सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (एसआइए) में जमीन अधिग्रहण के लिए हरी झंडी दे दी है. दूसरी अोर धोबी घाट से हुरलुंग-बड़ा बांकी रोड के लिए एसआइए में एक गांव पर आपत्ति बतायी गयी है, जिससे उसके लिए जमीन अधिग्रहण में पेंच लग सकता है.
गोविंदपुर अन्ना चौक से पिपला तक फोर लेन रोड निर्माण के लिए कस्तुलिया-लुआबासा पुल बन कर तैयार है तथा धोबी घाट-हुरलुंग-बड़ाबांकी रोड के लिए भी पुल बन कर तैयार है. गोविंदपुर से पिपला रोड के लिए 44 एकड़ वन भूमि हस्तांतरण के लिए जिला वनाधिकार समिति में सहमति बन चुकी है.
गोविंदपुर-पिपला रोड के लिए भागाबांध में 0.55 एकड़, धान चट्टानी में 0.07 एकड़, लुआबासा में 3.49 एकड़, पिपला में 0.08 एकड़, कस्तुलिया में 2.22 एकड़, घोड़ाबांधा में 0.10 एकड़ रैयती जमीन का अधिग्रहण होना है. इसी तरह धोबी घाट-हुरलुंग-बड़ाबांकी रोड के लिए 2.75 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण होना है, जिसमें लुपुंगडीह में 0.519 एकड़, हुरलुंग में 0.7828 एकड़, नूतनडीह में 0.875 एकड़, बड़ाबांकी में 0.57725 एकड़ जमीन है. रैयती जमीन के अधिग्रहण के लिए नियमानुसार रांची की एटलस कंपनी को सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (एसआइए) की जिम्मेवारी दी गयी थी. एटलस कंपनी ने एसआइए की रिपोर्ट सौंप दी है. एसआइए संपन्न होने के बाद पथ निर्माण विभाग द्वारा मुआवजा भुगतान कर जमीन को जिला प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहित कर अपने पोजिशन में लेगा, जिसके बाद दोनों सड़क निर्माण के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू होगी.
गोविंदपुर-पिपला रोड : चार परिवार होंगे विस्थापित, जमीन देने पर दे दी है सहमति
गोविंदपुर अन्ना चौक से पिपला चांदनी चौक रोड के लिए सामाजिक प्रभाव प्रबंधन योजना की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रस्तावित पथ के निर्माण के कारण सिर्फ चार परिवार विस्थापित हो रहे हैं, जिसके लिए पुनर्वासन अौर पुनर्व्यस्थापन कार्य योजना की आवश्यकता नहीं है. चारों परिवार ने भूमि अधिग्रहण के लिए सहमति दे दी है. सरकारी नियम के अनुसार अधिग्रहित की जाने वाली भूमि पर बने संपत्ति को मुआवजा संपत्ति के मालिक को देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है. एसआइए में सीएसआर गतिविधि, रोजगार के अवसर, खाद्य सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य सेवा, आंगनबाड़ी सेवा, जल निकासी-स्वच्छता, स्कूली शिक्षा, सार्वजनिक सुविधा, सार्वजनिक संपत्ति (मवेशियों के लिए पानी, तालाब, चरने के लिए भूमि वृक्षारोपण), पूजा स्थल, पारंपरिक जनजातीय संस्थाअों की भूमि, कब्रिस्तान-श्मशान भूमि, परिधि विकास गतिविधि, परिवहन सुविधा, स्थानीय अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, विस्थापन की भावना व जीवन शैली, सामाजिक सामंजस्य पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नहीं पड़ रहा है, इसलिए इससे संबंधित योजना-गतिविधि की आवश्यकता नहीं बतायी गयी है.
गांव के बाहर से रोडले जाने का सुझाव
धोबी घाट-हुरलुंग-बड़ाबांकी रोड के लिए 2.75 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण होना है, जिसके एसआइए में अन्य गांव की जमीन पर किसी तरह की आपत्ति नहीं बतायी गयी है, लेकिन हुरलुंग में आपत्ति बतायी गयी है. एसआइए में हुरलुंग गांव के अंदर से रोड ले जाने पर ज्यादा दुर्घटना होने की संभावना बतायी गयी है तथा गांव के बाहर से रोड ले जाने का सुझाव दिया गया है.
गोविंदपुर-पिपला रोड के लिए एसआइए पूरी हो चुकी है अौर प्रस्तावित रोड पर एसआइए में किसी तरह की आपत्ति नहीं बतायी गयी है. धोबीघाट-हुरलुंग-बड़ाबांकी रोड के लिए एक गांव (संभवत: हुरलुंग) में आपत्ति बतायी गयी है. एसआइए के बाद अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जायेगी अौर जमीन का पोजिशन लेने के बाद विभाग से अनुमति लेकर रोड निर्माण का टेंडर किया जायेगा.
संजय कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग.

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