इस दौरान जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता सह पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानन्द सरस्वती ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया. बैठक को संबोधित करते हुए जिला परिषद सदस्य मधुसूदन गोराई ने कहा कि एनएच 33 चौड़ीकरण का काम कर रही मधुकॉन कंपनी ने एनएच 33 को गांव की कच्ची सड़क से भी बदतर हालत में लाकर छोड़ दिया है.
सड़क पर दिन रात उड़ती धूल के कारण यात्रियों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण भी प्रभावित हो रहे हैं. सड़क की धूल के कारण ग्रामीणों को सांस संबंधी बीमारियां हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एनएच की जर्जर हालत को लेकर प्रशासन भी गंभीर नहीं है. इस दौरान चांडिल के उपप्रमुख प्रबोध उरांव ने कहा कि एनएच 33 चौड़ीकरण के कार्य से असंतुष्ट होकर उच्च न्यायालय द्वारा संवेदक को चेतावनी दी गयी है. लेकिन मधुकॉन कंपनी द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश का अवमानना कर रही है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को हो रही परेशानी से निजात दिलाने के लिए ग्रामीणों ने स्वयं आंदोलन करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों के इस आंदोलन में क्षेत्र के सभी जन प्रतिनिधि, समाजसेवी, विद्यार्थी, व्यवसायिक वर्ग से समर्थन की अपील की. इस अवसर पर पूर्व मुखिया गुरुचरण सिंह, सुबोध महतो, नवीन प्रमाणिक, वीरभद्र सेन, गौरव कुमार, प्रशांत कुमार, सुरेश महतो, धनंजय प्रमाणिक आदि उपस्थित थे.