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आदिवासियों के धर्मांतरण का होगा विरोध : बैजू
जमशेदपुर: माझी परगना महाल पूर्वी सिंहभूम की ओर से घाटशिला पावड़ा स्थित महाल भवन में ग्राम सभा सशक्तिकरण सम्मेलन का आयोजन सोमवार को किया गया. सम्मेलन में झारखंड, बंगाल व ओडिशा के करीब 300 स्वशासन व्यवस्था प्रमुख माझी, परगना व समाज के बुद्धिजीवी शामिल हुए. देश परगना बैजू मुर्मू ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए […]
जमशेदपुर: माझी परगना महाल पूर्वी सिंहभूम की ओर से घाटशिला पावड़ा स्थित महाल भवन में ग्राम सभा सशक्तिकरण सम्मेलन का आयोजन सोमवार को किया गया. सम्मेलन में झारखंड, बंगाल व ओडिशा के करीब 300 स्वशासन व्यवस्था प्रमुख माझी, परगना व समाज के बुद्धिजीवी शामिल हुए. देश परगना बैजू मुर्मू ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कई समुदाय आदिवासियों को अपने धर्म में शामिल करने का असफल प्रयास कर रहे. समाज के लोगों को इससे सचेत होने की आवश्यकता है. किसी के बहकावे में आकर सरना धर्म से विमुख नहीं होना है.
वर्तमान समय आदिवासी समुदाय के लिए परीक्षा की घड़ी है. समस्त आदिवासी समुदाय को एकजुटता दिखाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक हैं. आदिवासी को हिंदू या फिर ईसाई बताना गलत व बेतुकी बातें हैं. आदिवासी पूजा पाठ में पशुओं की बलि देते हैं. चावल से बनी मदिरा को पूर्वजों व ईष्ट देवी-देवताओं को अर्पित करने की परंपरा है. अन्य धर्मों में ऐसी परंपरा नहीं है इसलिए आदिवासी अन्य समुदाय से भिन्न हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल जबरन लाना चाहती है. आदिवासी समुदाय इसका विरोध करता है. विरोध में पूरे देश से सभी ग्राम सभा से राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजी जायेगी. धर्मांतरण का विरोध करने के लिए जल्द ही माझी परगना महाल का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त व जनजातीय आयोग से मिलेगा. सम्मेलन में दिशोम पारानिक रामचंद्र मुर्मू, जुगसलाई तोरोफ परगना दशमत हांसदा, तालसा माझी दुर्गा माझी समेत विभिन्न तोरोफ परगना व माझी बाबा करीब 300 की संख्या में पहुंचे थे.
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