गम्हरिया. पैसे पेड़ पर नहीं फलते उक्त कहावत अब पुरानी हो गयी है. अब सरायकेला के लोग व्यवसाय को लेकर अपनी नजरिया बदलने लगे हैं. शीघ्र ही मेहनती महिलाओं द्वारा लाह का उत्पादन कर पेड़ में पैसे उगाने के सपने को हकीकत में बदला जायेगा. सरायकेला वन प्रमंडल के अंतर्गत सरायकेला अनुमंडल की महिला समितियों […]
गम्हरिया. पैसे पेड़ पर नहीं फलते उक्त कहावत अब पुरानी हो गयी है. अब सरायकेला के लोग व्यवसाय को लेकर अपनी नजरिया बदलने लगे हैं. शीघ्र ही मेहनती महिलाओं द्वारा लाह का उत्पादन कर पेड़ में पैसे उगाने के सपने को हकीकत में बदला जायेगा.
सरायकेला वन प्रमंडल के अंतर्गत सरायकेला अनुमंडल की महिला समितियों द्वारा शीघ्र ही लाह उत्पादन किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस संबंध में सरायकेला वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ने बताया कि इस योजना के तहत अनुमंडल में 125 महिला समितियों का चयन किया गया है. इसमें सरायकेला क्षेत्र के 60 व खरसावां के 65 गांव की समितियां शामिल हैं.
सदस्यों के बीच निःशुल्क बीज का वितरण शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे अनुमंडल में साढे 62 हजार पेड़ों पर लाह का उत्पादन किया जायेगा. अगले सत्र से महिला अपनी फसल से तैयार बीज अन्य पेड़ों पर लगाकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ायेंगी.
सापड़ा में लाह फार्मा सेंटर स्थापित
सुरेश प्रसाद ने बताया कि सापड़ा में संचालित महिला सदस्यों की मेहनत से गांव में लाह फार्मा सेंटर की स्थापना की गयी है, जहां महिलाओं द्वारा पांच सौ पेड़ पर लाह उत्पादन करने का काम शुरू किया गया है. महिलाओं ने बताया कि गम्हरिया में अभी तक लाह उत्पादन नहीं हुआ है. कुछ अलग कर पैसा व नाम कमाने के उद्देश्य से उनके द्वारा लाह उत्पादन को चुना गया है. इसमें वन विभाग की ओर से मदद की जा रही है. आज के समय में लाह की मांग ज्यादा है. ऐसे में ग्रामीण लाह उत्पादन कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. विभाग द्वारा इसे पहली बार प्रयोग के तौर पर आजमाया जा रहा है. इसको देखते हुए महिलाओं को विभाग द्वारा निःशुल्क बीज दिये जा रहे हैं.