ऐसी स्थिति में क्यों नहीं निलंबित कर दिया जाये? रवींद्र को सरकारी आचार संहिता के दायरे में रहकर कर्तव्यों का निर्वाहन करने की चेतावनी दी गयी है. वहीं प्रधान लिपिक विनोद शंकर शर्मा को जारी शो-कॉज में कहा गया है कि पूर्व सिविल सर्जन एवं कार्यालय के एक लिपिक के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के आरोप है. उस पत्र में पूर्व सिविल सर्जन व आपके हस्ताक्षर है जिसे समाचार पत्रों ने प्रमुखता से छापा है इससे कार्यालय की छवि धूमिल हुई है. अखबारों में खबर के प्रकाशित होने से स्पष्ट है कि आपके द्वारा ही यह खबर मीडिया को दी गयी. इसलिए आपपर कार्यालय की गोपनीयता भंग करने का आरोप बनता है.
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आचार संहिता का उल्लंघन को लेकर सिविल सर्जन ने दी कार्रवाई की चेतावनी, लिपिक विनोद व रवीेंद्र को शो-कॉज
जमशेदपुर: सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने लिपिक रवींद्र कुमार और प्रधान लिपिक विनोद शंकर शर्मा को शो-कॉज कर जवाब मांगा है. दोनों को 24 घंटे में जवाब देने को कहा गया है. जारी पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि दोनों के बयानों से कार्यालय का माहौल खराब हुआ है, इसलिए क्यों नहीं […]
जमशेदपुर: सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद ने लिपिक रवींद्र कुमार और प्रधान लिपिक विनोद शंकर शर्मा को शो-कॉज कर जवाब मांगा है. दोनों को 24 घंटे में जवाब देने को कहा गया है. जारी पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि दोनों के बयानों से कार्यालय का माहौल खराब हुआ है, इसलिए क्यों नहीं दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाये.
रवींद्र कुमार जारी पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि मीडिया में अापके हवाले से खबर जारी कर पूर्व सिविल सर्जन एवं प्रधान लिपिक विनोद शंकर शर्मा पर गंभीर आरोप लगाया गया है. एक सरकारी कर्मचारी द्वारा कार्यालय को जानकारी दिये बिना मीडिया में बयान जारी करना सरकारी कर्मचारी आचार संहिता का उल्लंघन है.
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