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टेक्नीशियन नहीं, खराब हो रहे हैं वेंटिलेटर
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में सिर्फ बिल्डिंग बनाने व उपकरण खरीदने का ही काम किया जा रहा है. लेकिन कर्मचारियों व उपकरणों को चलाने वाले टेक्नीशियन के बारे में नहीं सोचा गया है. इसके कारण अस्पताल में रखे लाखों केे उपकरण बेकार पड़े हुए हैं. टेक्नीशियन के अभाव में उसको नहीं चलाया जा रहा है. वहीं […]
जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल में सिर्फ बिल्डिंग बनाने व उपकरण खरीदने का ही काम किया जा रहा है. लेकिन कर्मचारियों व उपकरणों को चलाने वाले टेक्नीशियन के बारे में नहीं सोचा गया है. इसके कारण अस्पताल में रखे लाखों केे उपकरण बेकार पड़े हुए हैं. टेक्नीशियन के अभाव में उसको नहीं चलाया जा रहा है. वहीं इस साल तीन और नये वेंटिलेटर की खरीदारी की गयी है. वह भी ऐसे ही पड़ा हुआ है.
गंभीर मरीजों को भेजा जाता है बाहर : एमजीएम में वेंटिलेटर नहीं रहने के कारण गंभीर मरीजों को रिम्स या दूसरे प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जाता है. इसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है. वहीं डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में सुविधा रहते हुए भी टेक्नीशियन के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है. इसके लिए कई बार विभाग को लिखकर दिया गया, लेकिन इस पर किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई.
कहां वेंटिलेटर : इमरजेंसी आइसीयू- तीन, सर्जरी आइसीयू- दो, स्टोर में – एक.
सरकार को लिखा गया है, कर्मचारी व टेक्नीशियन उपलब्ध होते ही उपकरणों को चालू कर दिया जायेेगा. खराब उपकरण भी बनाये जा रहे हैं ताकि लाभ मरीजों को मिल सके.
डॉ बी भूषण, अधीक्षक एमजीएम अस्पताल
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