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12 अादिवासियों पर शांतिभंग का केस
जमशेदपुर: पांच अक्तूबर को महिषासुर की शहादत दिवस मनाने को लेकर बैठक करने वाले आयोजन समिति के 12 आदिवासियों पर शांतिभंग करने का नामजद केस (भा.दं. वि. 107 धारा के तहत) दर्ज किया गया है. यह केस परसुडीह थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक जय प्रकाश खालखो के लिखित बयान के आधार पर धालभूम अनुमंडल कोर्ट […]
जमशेदपुर: पांच अक्तूबर को महिषासुर की शहादत दिवस मनाने को लेकर बैठक करने वाले आयोजन समिति के 12 आदिवासियों पर शांतिभंग करने का नामजद केस (भा.दं. वि. 107 धारा के तहत) दर्ज किया गया है. यह केस परसुडीह थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक जय प्रकाश खालखो के लिखित बयान के आधार पर धालभूम अनुमंडल कोर्ट में दर्ज कराया गया है. सूत्रों के मुताबिक 12 आरोपियों को एसडीओ कोर्ट से एक नोटिस जारी कर कोर्ट में सशरीर उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा गया है.
इनपर हुआ केस
भोलगू सोरेन निधि सरजामदा निधि टोला, सुशील मांझी सरजामदा सोजेकुली, शिवा मांझी सरजामदा जकता मैदान के समीप, जीतू हांसदा सरजामदा जिलिंगडुंगरी, भीमसेन मुर्मू सरजामदा लुपुंगटोला, शंकर गागराई हलुदबनी नामो टोला, भीम गागराई हलुदबनी डुंगरी टोला, एन हेंब्रम हलुदबनी डुंगरी टोला, छोटू मांझी बांधटोला सरजामदा, कामेश्वर सोरेन सरजामदा जकता मैदान के समीप, कृष्णा हांसदा छोलागोड़ा.
क्या है मामला
परसुडीह पुलिस के मुताबिक 28 सितंबर को सरजामदा जकता मैदान क्लब में ‘दुर्गापूजा आदिवासियों का नहीं है अौर महिषासुर आदिवासी समुदाय के थे.’ ऐसा भ्रामक प्रचार कर शिवा मांझी के नेतृत्व अौर कृष्णा हांसदा के इशारे पर एक बैठक आयोजित की गयी, इसमें 5 अक्तूबर को सरजामदा जकता मैदान में महिषासुर का शहादत दिवस मनाने की घोषणा की गयी. इतना ही नहीं कृष्णा हांसदा, शिवा मांझी अौर कामेश्वर मांझी के नेतृत्व में बिना कारण आदिवासी समुदाय के लोगों को एकजुट कर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की जा रही है. इस कारण परसुडीह पुलिस सरजामदा अौर परसुडीह क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है. इसे देखते हुए परसुडीह पुलिस ने उचित कार्रवाई की अनुशंसा की है.
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