अगर नियम संगत कदम नहीं उठाया गया होता तो रजिस्टर बी में यह दर्ज नहीं होता. चुनाव डीसी व एसपी की देखरेख में कराया गया था, जिसके आधार पर श्रम व नियोजन विभाग ने अपनी मुहर लगायी है. ऐसे में चुनाव गलत तरीके से कराये जाने का आरोप गलत है. चुनाव पूरी तरह पारदर्शी तरीके से कराया गया था. चूंकि उस वक्त यूनियन का इलेक्शन रुल नहीं था, इस कारण तत्कालीन उपायुक्त की ओर से चुनाव अपने मुताबिक ही कराया गया था और जो प्रक्रिया अपनायी गयी थी, वह पूरी तरह से पारदर्शी थी. बैलेट पेपर के जरिये ही चुनाव कराया गया था. जहां तक नया संविधान लागू करने की बात है तो यह संविधान आमसभा में पारित कराया गया था. सभी लोगों ने सर्वसम्मति से इसको पारित कर दिया था. इसके बाद इसको श्रम विभाग के पास भेजा गया. श्रम विभाग ने इस संविधान को मंजूरी दे दी और इसको तत्काल प्रभाव से लागू कर देने का आदेश दिया, जिसके बाद इसको लागू कर दिया गया है. इस कारण तीन साल में ही चुनाव कराया जाना चाहिए और जो विपक्ष की दलील है, वह गलत है.
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टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने हाइकोर्ट को सौंपा जवाब, नियम के तहत कराया गया यूनियन चुनाव
जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव नियम के तहत कराया गया और श्रम विभाग के आदेश के मुताबिक नया संविधान लागू किया गया. यह जानकारी टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने हाइकोर्ट को दी है. श्री प्रसाद ने यह जानकारी झारखंड हाइकोर्ट में अपनी ओर से दायर किये गये जवाब में […]
जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव नियम के तहत कराया गया और श्रम विभाग के आदेश के मुताबिक नया संविधान लागू किया गया. यह जानकारी टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने हाइकोर्ट को दी है.
श्री प्रसाद ने यह जानकारी झारखंड हाइकोर्ट में अपनी ओर से दायर किये गये जवाब में दी है. उन्होंने कहा है कि जिला प्रशासन के अलावा राज्य सरकार के पास भी चुनाव कराये जाने की सारी प्रक्रिया व प्रोसिडिंग की कॉपी है. सारी प्रक्रिया नियमसंगत पूरी की गयी थी. आर रवि प्रसाद ने बताया है कि चुनाव कराने के बाद नियम के तहत ही रजिस्टर बी में इसे दर्ज किया गया.
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