जमशेदपुर: सिदगोड़ा में चंद्रगुप्त सिंह पर फायरिंग का सुराग घटना के दो दिन बाद बिष्टुपुर के एक बीयरबार से पुलिस को मिला. पुलिस बीयरबार में शराब पीने वाले दीपक को हिरासत में लिया. दीपक के मोबाइल फोन पर पांच मिसकॉल वाले नंबर से पूरे मामले का खुलासा हुआ. उस आधार पर पुलिस ने घटना में […]
जमशेदपुर: सिदगोड़ा में चंद्रगुप्त सिंह पर फायरिंग का सुराग घटना के दो दिन बाद बिष्टुपुर के एक बीयरबार से पुलिस को मिला. पुलिस बीयरबार में शराब पीने वाले दीपक को हिरासत में लिया. दीपक के मोबाइल फोन पर पांच मिसकॉल वाले नंबर से पूरे मामले का खुलासा हुआ. उस आधार पर पुलिस ने घटना में शामिल गोलमुरी निवासी टिंकू सरदार, बागबेड़ा के सोना और टुइलाडुंगरी के बाबू तक जा पहुंची.
तीनों ने पुलिस के समक्ष फायरिंग के दौरान रेकी करने की बात स्वीकार की है. उसने पुलिस को बताया कि शूटरों को बिहार से बुलाया गया था. शूटरों के साथ शहर के दो युवक भी शामिल थे, जिन्हें वे नहीं जानते हैं. इधर, शूटरों की तलाश में पटना गयी पुलिस टीम शहर लौट आयी है. पुलिस के वहां पहुंचने से पहले बी शूटर फरार हो गये थे. वहीं पूछताछ में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि अपराधी फायरिंग करने के बाद गोलमुरी गोलचक्कर पहुंचे थे, जहां आइ-10 कार पर छह युवक सवार होकर भागे थे. पुलिस ने आइ-10 कार की पहचान के लिए शहर के कई जगहों से सीसीटीवी कैमरा को खंगाला, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा.
आरोपियों तक ऐसे पुलिस पहुंची
11 सितंबर की शाम को दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने सिदगोड़ा क्राॅस रोड नंबर 28, क्वार्टर नंबर एक के सामने बैठे चंद्रगुप्त सिंह पर फायरिंग की थी. घटना में शामिल अपराधी भागने के लिए बिष्टुपुर निवासी दीपक की मदद लेने के लिए उसके मोबाइल फोन पर पांच बार कॉल किया. लेकिन दीपक ने फोन रिसीव नहीं किया. 13 सितंबर को दीपक अपने दोस्तों के साथ बिष्टुपुर के एक बीयर बार में दारू पीने गया. दारु पीने के बाद दीपक ने पांच मिसकॉल वाले नंबर पर कॉल किया. इस दौरान उसे पता चला कि चंद्रगुप्त सिंह पर फायरिंग के बाद सोना शहर छोड़ने के लिए उसकी मदद लेना चाहता था. उसने नशे में सोना से फायरिंग से संबंधी बातचीत की. दीपक की बातचीत को उसके बगल टेबुल पर बैठे युवक ने सुना. युवक ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.
इसके बाद पुलिस बीयर बार पहुंची. सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से दीपक तक पहुंची. लेकिन दीपक ने पुलिस को पूछताछ में कुछ नहीं बताया. कड़ाई से पूछे जाने पर दीपक ने राज खोल दिया. उसने कहा कि सोना ने उसे कॉल किया. वह फायरिंग के बाद भागने में उसकी मदद लेना चाहता था. पुलिस दीपक के जरिये सोना तक पहुंची. सोना के बाद पुलिस ने टिंकू और बाबू को भी पकड़ लिया. सोना ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि दीपक का फायरिंग से लेना-देना नहीं है. फायरिंग के बाद शहर छोड़ने के लिए वह दीपक की मदद लेना चाहता था, लेकिन दीपक ने फोन रिसीव नहीं किया.
गोलमुरी और सीतारामडेरा में साथियों का कर रहे थे इंतजार. पूछताछ में अपराधियों ने बताया है कि तीनो रेकी का काम कर रहे थे. पिछले एक माह से रेकी हो रही थी. घटना को अंजाम देने के पहले भी अपराधियों ने रेकी की. घटना के समय सोना सीतारामडेरा में तथा बाबू गोलमुरी में अपराधियों का इंतजार कर रहा था. अपराधी फायरिंग की घटना के बाद भागकर दोनों जगह पहुंचते और वहां से बाइक बदलकर निर्धारित जगह पर पहुंच जाते.