निचले तल्ले में जहां अस्पताल के अंदर और बाहर नालियों के जाम और टूटी होने के कारण पानी घुसा वहीं ऊपरी तल्ले में छत से हुए सीपेज ने वार्ड को तालाब में बदल दिया. पानी के साथ गंदगी भी सभी जगह फैल गयी. इमरजेंसी में तो मरीजों के नीचे लिटाकर इलाज किये जाने के कारण उनमें अफरा-तफरी मच गयी. जो मरीज उठ कर भागने की स्थिति में थे, वे तो सुरक्षित स्थान पर किसी तरह जाने में सफल रहे, लेकिन जिन मरीजों की स्थिति उठने की नहीं थी, वे उसी तरह पानी से लबालब बरामदे और हॉल में पड़े रहे. परिजन मरीजों के साथ-साथ जमीन पर बिछाये गये बेड जो कि पानी से पूरी तरह भींग चुके थे, को भी उठाकर सुरक्षित स्थान पर भागे.
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एमजीएम अस्पताल बना तालाब
जमशेदपुर: मंगलवार की दोपहर करीब एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. इस बारिश में एमजीएम अस्पताल में जैसे बाढ़ की स्थिति बन गयी. ग्राउंड फ्लोर में वार्ड से लेकर प्रशासनिक भवन, इमरजेंसी, बर्न वार्ड, मॉड्यूलर ओटी, एक्स-रे रूम, गायनिक ओपीडी, सिटी स्कैन […]
जमशेदपुर: मंगलवार की दोपहर करीब एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. इस बारिश में एमजीएम अस्पताल में जैसे बाढ़ की स्थिति बन गयी.
ग्राउंड फ्लोर में वार्ड से लेकर प्रशासनिक भवन, इमरजेंसी, बर्न वार्ड, मॉड्यूलर ओटी, एक्स-रे रूम, गायनिक ओपीडी, सिटी स्कैन रूम, डेंटल ओपीडी, शौचालय तो पानी से लबालब हो ही गया, साथ ही चौथे तल्ले पर स्थित मेडिकल वार्ड भी पूरी तरह पानी से भर गया. इससे एक ओर जहां मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं करोड़ों की मशीन भी पानी में डूब जाने के कारण उन पर भी बुरा असर पड़ा.
निचले तल्ले में जहां अस्पताल के अंदर और बाहर नालियों के जाम और टूटी होने के कारण पानी घुसा वहीं ऊपरी तल्ले में छत से हुए सीपेज ने वार्ड को तालाब में बदल दिया. पानी के साथ गंदगी भी सभी जगह फैल गयी. इमरजेंसी में तो मरीजों के नीचे लिटाकर इलाज किये जाने के कारण उनमें अफरा-तफरी मच गयी. जो मरीज उठ कर भागने की स्थिति में थे, वे तो सुरक्षित स्थान पर किसी तरह जाने में सफल रहे, लेकिन जिन मरीजों की स्थिति उठने की नहीं थी, वे उसी तरह पानी से लबालब बरामदे और हॉल में पड़े रहे. परिजन मरीजों के साथ-साथ जमीन पर बिछाये गये बेड जो कि पानी से पूरी तरह भींग चुके थे, को भी उठाकर सुरक्षित स्थान पर भागे.
दूसरी ओर, इमरजेंसी वार्ड में डेढ़ करोड़ की लागत से बने मॉड्यूलर ओटी में भी पानी घुस गया. यहां कई महंगी मशीनें रखी गयी हैं. हालांकि मॉड्यूलर ओटी अब तक चालू नहीं किया गया है. एक्स-रे विभाग में पानी घुस जाने के कारण काफी देर तक एक्स-रे मशीन को बंद रखा गया. इमरजेंसी वार्ड में पानी भर जाने के कारण संक्रमण फैलने की भी आशंका बढ़ गयी है, हालांकि बारिश का पानी निकलने के बाद वार्ड की सफाई की गयी है, लेकिन फिर भी कई जगहों पर पानी भी जमा रहा और गंदगी भी.
बर्न वार्ड सबसे ज्यादा प्रभावित
बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव एमजीएम के बर्न वार्ड पर पड़ा है. बर्न वार्ड का कोई ऐसा कमरा नहीं था, जिसमें पानी नहीं जमा था. बर्न वार्ड में अभी 18 मरीजों का इलाज चल रहा है. इस तरह वार्ड में पानी भर जाने से मरीजों को सबसे ज्यादा खतरा है. अगर एक बार बर्न के मरीजों को इंफेक्शन हो जाता है तो, उसे बचाना मुश्किल हो जाता है. बर्न वार्ड के ओटी शौचालय के साथ-साथ अन्य जगहों पर घुटने भर तक पानी भर गया था. साथ ही बर्न वार्ड के ओटी में रखी मशीन के साथ ही साथ ड्रेसिंग रूम व स्टोर में रखी दवा भी पानी में भींग गयी, जिससे उसके खराब हो जाने की आशंका है.
अस्पताल के गेट के पास सड़क ऊंची हो गयी है. साथ ही अस्पताल के अंदर व बाहर की नाली जाम होने के साथ-साथ टूट भी गयी है, जिससे पानी अस्पताल में घुस रहा है. नाली को बनाने के लिए भवन निर्माण विभाग को कहा गया है. इसे बनाने का काम जल्द शुरू हो जायेगा. जब तक यह हो नहीं जाता तब तक क्या किया जा सकता है, इसे हम देख रहे हैं. जल्द ही इसका निदान निकाला जायेगा.
डॉ बी भूषण, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
कहां-कहां घुसा पानी
प्रशासनिक भवन
एक्सरे विभाग
सिटी स्कैन
डेंटल विभाग
रजिस्ट्रेशन सेंटर
एक्सरे विभाग
गायनिक ओपीडी
इमरजेंसी
मॉडलर ओटी
ओपीडी
सर्जरी व मेडिकल वार्ड
बर्न यूनिट
बर्न वार्ड का ओटी व वार्ड
चौथे तल्ले पर मेडिकल वार्ड
ये मशीनें डूबी
एक्सरे मशीन
सिटी स्कैन
सक्शन मशीन
बीपी नापने की मशीन
ऑपरेशन लाइट
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