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सीएम का पलटवार. बच्चों की मौत के लिए पूर्ववर्ती सरकारें जिम्मेदार

जमशेदपुर : राज्य के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार हो रहे जबानी हमलों पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कड़ा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के लिए कांग्रेस, झामुमो व राजद ही जिम्मेदार हैं और अपनी गलतियों पर परदा डालने के लिए शोर […]

जमशेदपुर : राज्य के सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार हो रहे जबानी हमलों पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कड़ा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के लिए कांग्रेस, झामुमो व राजद ही जिम्मेदार हैं और अपनी गलतियों पर परदा डालने के लिए शोर मचा रहे हैं.

सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रघुवर ने कहा, ‘पूर्व में की गयी उपेक्षा की वजह से राज्य में गरीबी, पलायन बढ़ा. कांग्रेस, झामुमो, राजद गरीबों और बच्चों का खाना खा गये, जिससे कुपोषण बढ़ा.’ उन्होंने कहा कि 14 साल से चली आ रही समस्या एक-दो साल में खत्म नहीं होगी, यह जनता भी समझती है. रघुवर ने कहा, ‘14 साल तक झारखंड में कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसी पार्टियाें ने सरकार चलायी. पूर्व की सरकारों ने जो स्वास्थ्य व्यवस्था हमें सौंपी, उसे हम पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.

हम मानते हैं कि राज्य में स्वास्थ्य की स्थिति ठीक नहीं है लेकिन इसे सुधरने में समय लगेगा.’
विरोधियों को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘वास्तव में कांग्रेस, झामुमो व राजद ने राज्य को चारागाह बना रखा था. अब उनके बिचौलियों की चल नहीं पा रही है तो बेवजह शोर मचा रहे हैं. हम राज्य को ऐसे लोगों के हाथों लुटने नहीं देंगे.’
रघुवर ने अपनी योजनाओं की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने कुपोषण दूर करने के लिए लोगों को जागरूक किया. कुपोषण सखी नियुक्त किये.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने शिशु व मातृ मृत्यु दर नियंत्रित करने की कोशिश की. झारखंड में यह दर सबसे ज्यादा है, जो हमें विरासत में मिली है.’
मुख्यमंत्री ने बताया कि वे 11 सितंबर को सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेंगे जिसमें चार साल पहले की शिशु व मातृ मृत्यु दर की रिपोर्ट भी होगी.
एमजीएम की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही सरकार
रघुवर ने जानकारी दी कि एमजीएम अस्पताल तथा गुमला सदर अस्पताल में मौतों के मामले में अपर मुख्य सचिव को दोनों जगह निरीक्षण के लिए उन्होंने भेजा था, जिसकी रिपोर्ट का सरकार अध्ययन कर रही है.
कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली एएनएम की पहले बहाली
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य सरकार के कार्यों को गिनाया. उन्होंने बताया कि 500 डॉक्टरों को बहाल किया है तथा 600 डॉक्टर और बहाल किये जायेंगे. इसके अलावा कंपाउंडर और टेक्निशियन भी बहाल होंगे. स्वास्थ्य विभाग में 3000 पदों के लिए बहाली निकाली गयी है. वर्तमान में जो एएनएम कांट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं, उसको प्राथमिकता के आधार पर बहाल किया जायेगा. स्किल डेवलपमेंट के तहत ट्रेनिंग देकर टेक्नीशियन की बहाली करने को कहा गया है. सरकार ने एक हजार दिन में तीन मेडिकल कॉलेज खोले. जहां भी कमी है उसे दूर करने की कोशिश की जा रही है.
तीन से पांच साल में दुरुस्त होगी शिक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने शिक्षा व्यस्वस्था की बदहाली के लिए भी पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘पूर्ववर्ती सरकारों ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया. 40 हजार स्कूलों में बेंच-डेस्क तक नहीं थे. हमारी सरकार ने 27 हजार स्कूलों में बेंच डेस्क-उपलब्ध करवाये. वर्तमान में 20 हजार शिक्षकों की बहाली हो गयी है और 18 हजार शिक्षकों की और बहाली होगी. अगले तीन से पांच साल में राज्य की शिक्षा-व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी.’
मुख्यमंत्री ने कहा
विरासत में मिली है बदहाली, सुधारने में समय तो लगेगा
स्वास्थ्य विभाग में भरेंगे तीन हजार पद, टेक्नीशियन, ड्रेसर की भी बहाली
सरकार के एक हजार दिन पूरे होने पर 11 सितंबर को रिपोर्ट कार्ड
18 हजार नये शिक्षक होंगे बहाल, 20 हजार की हो चुकी है बहाली

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