कैनाल के ध्वस्त होने से आसपास के धान पौधे रोपित कई बीघा खेत में बालू और पत्थर भर गये. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ध्वस्त कैनाल की मरम्मत की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है.ग्रामीणों के मुताबिक कैनाल में बरसात का पानी जमा हुआ.
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गालूडीह बांयी नहर का मुख्य कैनाल और लाइलिंग ध्वस्त
चाकुलिया: बरसात ने सुवर्णरेखा परियोजना में सरकार राशि की लूट की पोल खोल दी है. गालूडीह मुख्य बांयी नहर के केनाल में अभी पानी छोड़ा ही नहीं गया है. बरसात के पानी से ही श्यामसंुदरपुर थाना क्षेत्र के श्यामसुंदरपुर गांव से सटे पाथरडिंगा के पास मुख्य कैनाल ध्वस्त हो गया. लगभग एक किमी लंबी नहर […]
चाकुलिया: बरसात ने सुवर्णरेखा परियोजना में सरकार राशि की लूट की पोल खोल दी है. गालूडीह मुख्य बांयी नहर के केनाल में अभी पानी छोड़ा ही नहीं गया है. बरसात के पानी से ही श्यामसंुदरपुर थाना क्षेत्र के श्यामसुंदरपुर गांव से सटे पाथरडिंगा के पास मुख्य कैनाल ध्वस्त हो गया. लगभग एक किमी लंबी नहर की लाइलिंग में दरारें पड़ गयीं और कई जगहों पर लाइनिंग ध्वस्त हो गयी.
इससे 29-30 अगस्त की रात कैनाल का एक बड़ा भाग ध्वस्त हो गया. ग्रामीणों का कहना है कि हरिवंश कंस्ट्रक्शन द्वारा घटिया स्तर का निर्माण किया गया. इसका विरोध किया गया था. लेकिन परियोजना के पदाधिकारियों ने कोई पहल नहीं की. निर्माण के प्रारंभ काल में विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भी घटिया निर्माण की शिकायत वरीय अधिकारियों से की थी. ग्रामीणों ने कहा कि लगभग किमी लंबी लाइलिंग दरारों से पट गयी है जो ध्वस्त हो सकती है. इस मसले पर ठेका कंपनी के पीएम सुब्बा राव ने कहा कि अभी स्थल देखा नहीं है. अधीक्षण अभियंता आरएन प्रसाद ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई होगी. ध्वस्त कैनाल और लाइलिंग की मरम्मत करायी जायेगी.
धान की फसल बर्बाद हो गयी
पाथरडिंगा के सबर किसान वृंदा देहुरी ने कहा कि उसने 2500 रुपये में एक बीघा खेत बटाई लेकर धान की खेती की थी. कैनाल के ध्वस्त होने से खेत में बालू और पत्थर भर गये हैं और खेत बर्बाद हो गया. ऐसे कई किसान हैं, जिनके खेत में धान की फसल बर्बाद हुई है. फसल की क्षतिपूर्ति दी जाये.
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