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संसाधन आैर स्टाफ हैं कम, वर्क लोड ज्यादा

जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के चेयरमैन मनोज प्रसाद ने मंगलवार को एमजीएम अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने नवजात बच्चों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं का जायजा लिया तथा अस्पताल अधीक्षक से इससे संबंधित जानकारी ली. उनके साथ डीएलएसए जमशेदपुर के सचिव एसएन सिकदर भी थे. एनआइसीयू […]

जमशेदपुर. पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) के चेयरमैन मनोज प्रसाद ने मंगलवार को एमजीएम अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने नवजात बच्चों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं का जायजा लिया तथा अस्पताल अधीक्षक से इससे संबंधित जानकारी ली. उनके साथ डीएलएसए जमशेदपुर के सचिव एसएन सिकदर भी थे.

एनआइसीयू व पीआइसीयू का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में जिला जज ने कहा कि इस तरह का निरीक्षण डालसा के काम का एक हिस्सा है और उसके चेयरमैन होने के नाते वह यहां आये हैं. यहां संसाधन व स्टाफ की काफी कमी पायी गयी है. पूछताछ में यह भी पता चला कि प्रतिदिन मरीजों की काफी संख्या रहती है जिससे स्टाफ पर वर्क लोड ज्यादा है. बच्चों की मौत से संबंधित जानकारी ली गयी है. इसकी रिपोर्ट हाइकोर्ट को सौंपी जायेगी.

निरीक्षण के दौरान जिला जज सबसे पहले अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर बी भूषण से मिले तथा पिछले चार माह में हुए 164 बच्चों की मौत के मामले की जानकारी ली. उन्होंने इससे संबंधित कागजात भी देखे. अस्पताल अधीक्षक ने जिला जज को चार माह के आंकड़े दिखाये. साथ ही अस्पताल में नवजातों के इलाज की व्यवस्था, संसाधन, डॉक्टर व स्टाफ से संबंधित जानकारी दी. जिला जज ने अस्पताल परिसर में बने एनआइसीयू व पीआइसीयू का भी निरीक्षण किया. यहां बच्चों के इलाज के संबंध में वहां तैनात नर्सों से पूछताछ की.
एक वार्मर पर तीन-तीन बच्चे
एनआइसीयू के निरीक्षण के दौरान जिला जज ने पाया कि अस्पताल में संसाधन व स्टाफ की काफी कमी है. एनआइसीयू में चार वार्मर लगाये गये हैं. उनमें एक में तीन-तीन बच्चों को रखकर इलाज किया जा रहा है. अस्पताल अधीक्षक ने जिला जज को बताया कि इस समय एनआइसीयू में 14, पीआइसीयू में पांच व वार्ड में 34 बच्चों का इलाज चल रहा है. एनआइसीयू में 28 दिन तक के नवजात का इलाज किया जाता है. वर्तमान में एनआइसीयू में चार वार्मर हैं जिनमें तीन या चार बच्चों को रखकर इलाज किया जा रहा है. जबकि एक बच्चे के लिए एक वार्मर तथा चार बच्चों पर एक नर्स की जरूरत है.
सुबह से की जा रही थी साफ-सफाई
जिला जज के आने की सूचना के मद्देनजर एमजीएम अस्पताल में सुबह से ही साफ-सफाई की जा रही थी. साथ ही सभी डॉक्टर व कर्मचारी समय से अस्पताल पहुंच गये थे.

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