इसका नेतृत्व संयाेजक सुरा बिरूली ने किया. सुरा बिरूली ने कहा कि आदिवासी समाज लंबे समय से सरना धर्म कॉलम कोड की मांग करता आ रहा है. सरकार को इस बार की जनगणना में आदिवासियों को अलग से कॉलम कोड आवंटित करना होगा. सरना धर्म को मानने वाले 21 राज्यों में फैले हुए हैं.
सरना धर्म को मानने वालों की संख्या लगभग 50 लाख से भी अधिक है. उन्होंने मांग की कि सरना धर्म को भी अन्य धर्मों के साथ सरकारी दस्तावेजों में प्रकाशित कराये, ताकि 2021 के जनगणना में सेंसस प्रश्नावली में सरना धर्म की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके. मांग पत्र सौंपने में राकेश उरांव, शोभा सामंत, उपेंद्र बानरा आदि शामिल थे.