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डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर को कार्यालय छोड़ कर डीडीसी कार्यालय कक्ष में जाना पड़ा

उपयोगिता प्रमाण पत्र डीसी कार्यालय को नहीं भेजे जाने से थी नाराज दक्षिण करनडीह की मुखिया सरस्वती टुडू पर शौचालय निर्माण में गबन की प्राथमिकी के आदेश का विरोध जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड की मुखियाओं ने सोमवार को जिला समाहरणालय के द्वितीय मंजिल(डीडीसी कार्यालय के नजदीक) स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में हंगामा […]

उपयोगिता प्रमाण पत्र डीसी कार्यालय को नहीं भेजे जाने से थी नाराज

दक्षिण करनडीह की मुखिया सरस्वती टुडू पर शौचालय निर्माण में गबन की प्राथमिकी के आदेश का विरोध
जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड की मुखियाओं ने सोमवार को जिला समाहरणालय के द्वितीय मंजिल(डीडीसी कार्यालय के नजदीक) स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यालय में हंगामा मचाया. मुखिया इस बात से नाराज थी कि द. करनडीह में शौचालय निर्माण पूरा करने का उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी),सीरियल नंबर, फोटो पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (स्वच्छ भारत मिशन) के कार्यालय में जमा किया था, लेकिन कार्यालय के लोगों ने उसे डीसी को नहीं सौंपा, जिसके कारण उन पर मामला दर्ज हो रहा है.
हंगामे के कारण कार्यालय में मौजूद डिस्ट्रिक को-ऑर्डिनेटर युसुफ कार्यालय छोड़ डीडीसी कार्यालय कक्ष चले गये. हंगामे के समय डीडीसी सूरज कुमार अपने कार्यालय में मौजूद थे. जानकारी मिलने पर एडीसी सुनील कुमार भी पहुंचे थे. हंगामा दस मिनट तक चला.
उपायुक्त से मिलने पहुंची मुखिया : द. करनडीह की मुखिया सरस्वती टुडू पर 453 शौचालय निर्माण में सरकारी राशि का गबन करने का प्राथमिकी दर्ज होने के आदेश के खिलाफ जमशेदपुर प्रखंड की कई मुखिया, कई वार्ड मेंबर उपायुक्त से मिलने पहुंची थी.
मुखियाअों ने सांसद विद्युत वरण महतो से भेंट कर पूरा मामले में कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की. सांसद ने इस मुद्दे पर उपायुक्त से बात करने की बात कही. सांसद से मिल कर मुखियाअों का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला. इसमें सरस्वती टुडू भी शामिल थीं. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सरस्वती टुडू ने मिले 54. 36 लाख से सभी 453 शौचालयों के साथ-साथ अतिरिक्त 15 शौचालय का निर्माण किया है तथा 12 अौर शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है.
उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को उपयोगिता प्रमाण पत्र अौर फोटो जमा कर देने कहा. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 20 जुलाई को ही उपयोगिता प्रमाण पत्र, 461 शौचालय का सीरियल नंबर तथा फोटो विभाग में जमा कर दिया गया है. उपायुक्त से उपयोगिता प्रमाण पत्र व फोटो जमा नहीं होने की जानकारी मिलने पर मुखिया आक्रोश जताते हुए द्वितीय तल्ले स्थित एसबीएम के कार्यालय में पहुंची अौर जिस पदाधिकारी( डिस्ट्रिक को अॉर्डिनेटर) को जमा किया था उसे खोजने लगी. मुखियाअों के आक्रोश को देखते हुए डिस्ट्रिक को-ऑर्डिनेटर वहां से डीडीसी कक्ष में चले गये. उपयोगिता प्रमाण पत्र को-ऑर्डिनेटर की कुर्सी के नीचे रखा हुआ दिखाया.
मुखियों ने सांसद अौर उपायुक्त से मुलाकात की
50 शौचालय निर्माण के लिए 6 लाख के बदले 5.20 लाख ही दिये
उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि द. करनडीह में शौचालय निर्माण में सरकारी राशि गबन की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को भेज दिया गया है. जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी है. 12 हजार के हिसाब से 50 शौचालय निर्माण के लिए 6 लाख रुपये देने थे, लेकिन जांच में 5.20 लाख रुपये ही देने की बात सामने आयी है. व्यक्तिगत लाभुक, स्थानीय स्रोत के स्थान पर ठेके पर काम दे दिया गया. सरकारी राशि के गबन व शौचालय निर्माण में गड़बड़ी को लेकर अलग-अलग आदेश दिये गये हैं. जिन पर तकनीकी पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी थी, उन्होंने इसका पर्यवेक्षण सही तरीके से नहीं किया अौर पूरी राशि दे दी जिसके कारण उनसे भी जवाब मांगा गया है.
जिले के सभी पंचायतों में शौचालयों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है. प्रखंडों के प्रभारी पदाधिकारियों द्वारा प्रत्येक बुधवार को प्रखंड का निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता की जांच की जा रही है. जिला प्रशासन द्वारा अपने शौचालयों को जाने का 20 प्वाइंट जारी किया है जिसके आधार पर कोई भी किसी शौचालय का निरीक्षण कर सकता है.
अिमत कुमार, उपायुक्त, पूर्वी िसंहभूम

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