मुसाबनी के दो आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने की मंजूरी दी गयी
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सरेंडर नक्सली पति को मिला लाभ, तो पत्नी को नहीं मिलेगा
मुसाबनी के दो आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने की मंजूरी दी गयी जमशेदपुर : उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई जिला पुनर्वास समिति की बैठक में मुसाबनी के विक्रमपुर के दो आत्मसमर्पित दो नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने का निर्णय लिया गया. साथ ही एक महिला को […]
जमशेदपुर : उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में हुई जिला पुनर्वास समिति की बैठक में मुसाबनी के विक्रमपुर के दो आत्मसमर्पित दो नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने का निर्णय लिया गया. साथ ही एक महिला को नीति के तहत लाभ देने से इसलिए इनकार कर दिया गया कि उसके आत्मसमर्पित पति को पूर्व में लाभ दिया जा चुका है. समिति ने मुसाबनी के विक्रमपुर के सुंदर मुर्मू उर्फ सुंदर सोरेन एवं जारा मुर्मू उर्फ मोहन को पुनर्वास नीति के तहत ढाई लाख रुपये, चार डिसमिल जमीन, घर बनाने के लिए 50 हजार, चिकित्सा शुल्क, व्यवसायिक प्रशिक्षण के इच्छुक होने पर पांच हजार रुपये, एक लाख का बीमा अनुदान अौर जान की क्षति होने पर आश्रित को सरकारी नौकरी, बच्चे की शिक्षा के लिए अधिकतम 25 हजार रुपये देने की मंजूरी प्रदान की गयी.
समिति के समक्ष गुड़ाबांदा के जियान की फूलमनी मुंडा को पुनर्वास नीति का लाभ देने का प्रस्ताव रखा गया. फूलमनी के पति शंकर मुंडा आत्मसमर्पित नक्सली हैं अौर उन्हें नीति के तहत पूर्व में लाभ देने का निर्णय लिया जा चुका है. सरकार द्वारा पति-पत्नी को एक यूनिट माना गया है, इसलिए फूलमनी मुंडा को पुनर्वास के लिए लाभ नहीं देने का निर्णय लिया गया. बैठक में सामान्य शाखा के प्रभारी सह विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी बिंदेश्वरी तातमा, डीएसपी केएन मिश्रा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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