जमशेदपुर. किसी विद्यालय में 9 बच्चे पर 2 शिक्षक और कहीं 556 बच्चे पर 2 शिक्षक, आश्चर्य है. ऐसे में क्या हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पायेंगे? सरकारी विद्यालयों में संसाधनों की कमी नहीं है, बावजूद ऐसे ही कारणों से सरकारी स्कूल बदनाम हो रहे हैं. मीडिया के लोग पूछते हैं, तो मैं कहती […]
जमशेदपुर. किसी विद्यालय में 9 बच्चे पर 2 शिक्षक और कहीं 556 बच्चे पर 2 शिक्षक, आश्चर्य है. ऐसे में क्या हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पायेंगे? सरकारी विद्यालयों में संसाधनों की कमी नहीं है, बावजूद ऐसे ही कारणों से सरकारी स्कूल बदनाम हो रहे हैं. मीडिया के लोग पूछते हैं, तो मैं कहती हूं कि विभाग का कार्य संतोषजनक है, लेकिन इस स्थिति में मैं क्या जवाब दूंगी? यह बात राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कही. वह मंगलवार को जमशेदपुर दौरे के क्रम में कदमा स्थित आंध्रा एसोसिएशन मध्य विद्यालय के सभागार में विभाग की प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक कर रही थीं. उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या अधिक है, वहां डीइओ, डीएसइ हर हाल में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की व्यवस्था करें.
जिन विद्यालयों में छात्र संख्या अपेक्षाकृत कम है, उसकी सूची दें, उन विद्यालयों को निकटस्थ विद्यालय में मर्ज किया जायेगा. उन्होंने 31 जुलाई तक सूची सौंपने का निर्देश दिया. किस शिक्षक ने कितने घंटे पढ़ाया. डॉ नीरा यादव ने डीइओ, डीएससी व सभी बीइइओ को विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिले व प्रखंड के अधिकारी हर महीने शिक्षकों के साथ बैठक कर विद्यालय में पढ़ाई की समीक्षा करें. इस क्रम में कौन-कौन शिक्षक उपस्थित थे, किस शिक्षक ने कितने घंटे पढ़ाया आदि शामिल होना चाहिए. अगले महीने फिर करूंगी बैठक. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि पढ़ाई का घंटा नहीं बढ़ायेंगे, तो कोई फायदा नहीं होगा. अत: इसे गंभीरता से लें.
अगले महीने फिर यहां बैठक करेंगी और इस संबंध में पूछेंगी. बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने इस बार खोले गये प्लस टू विद्यालयों में नामंकन की स्थिति के संबंध में पूछा. इस पर जिले के डीइओ आरकेपी सिंह ने बताया कि डिग्री कॉलेजों में संचालित इंटर का रिजल्ट इस बार खराब हुआ है. इस कारण प्लस टू विद्यालयों के प्रति विद्यार्थियों में रुझान बढ़ी है. गम्हरिया कस्तूरबा की शिक्षिकाओं ने सौंपा ज्ञापन. बैठक के बाद गम्हरिया कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा.
कोई भी बच्चा जमीन पर न बैठे
मंत्री ने कहा कि स्कूलों में बेंच-डेस्क की खरीदारी लगभग पूरी हो चुकी है. बेंच-डेस्क की लंबाई-चौड़ाई समेत गुणवत्ता आदि मानक के अनुरूप ही हो, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए. विद्यालयों में अब कोई भी बच्चा जमीन पर न बैठे. यदि निरीक्षण में कोई बच्चा जमीन पर बैठा मिलेगा, तो कार्रवाई तय है.