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अपरिपक्वता व लालच ने डूबाेया टेल्को यूनियन को

जमशेदपुर. पहली बार टेल्को वर्कर्स यूनियन का चुनाव डीसी व एसपी की देखरेख में अगस्त 2015 में हुआ था टर्म पूरा होने से पहले ही यूनियन धाराशायी और कमेटी छिन्न-भिन्न हो चुकी है. अपरिपक्व नेता व लालच की वजह से यूनियन बरबादी के कगार पर पहुंच गयी. अगस्त 2015 को जब चुनाव हुआ था तो […]

जमशेदपुर. पहली बार टेल्को वर्कर्स यूनियन का चुनाव डीसी व एसपी की देखरेख में अगस्त 2015 में हुआ था टर्म पूरा होने से पहले ही यूनियन धाराशायी और कमेटी छिन्न-भिन्न हो चुकी है. अपरिपक्व नेता व लालच की वजह से यूनियन बरबादी के कगार पर पहुंच गयी. अगस्त 2015 को जब चुनाव हुआ था तो हर्षवर्धन सिंह, पंकज सिंह समेत उनकी पूरी टीम ने चंद्रभान सिंह को हराया.

चूंकि हर्षवर्धन सिंह व पांच पांडव यूनियन के सदस्य तक नहीं थे, इस कारण इन लोगों ने मिलकर नयी कमेटी अध्यक्ष अमलेश रजक और महामंत्री प्रकाश सिंह के नेतृत्व में बनवा दी. इसके बाद महत्वाकांक्षा में अध्यक्ष अमलेश रजक और महामंत्री प्रकाश कुमार के बीच विवाद हो गया और पूरे एक साल तक काफी उथल-पुथल मचा रहा. दोनों के विवाद में यूनियन के इतिहास में पहली बार यूनियन अध्यक्ष-महामंत्री को प्रबंधन की ओर से चेतावनी पत्र दिया गया. तीन बार कंपनी प्रबंधन की ओर से पत्र जारी हुआ. कई यूनियन पदाधिकारियों को चार्जशीट मिली, तो कमेटी मेंबरों को पिंक पास पर आज तक पैसे काटे जा रहे हैं.

इस बीच अमलेश व प्रकाश के बीच सुलह मैनेजमेंट ने कराया और पूरे यूनियन की मॉनिटरिंग करने वाले हर्षवर्धन सिंह व उनकी पांचों की टीम को ही दरकिनार कर दिया. इसके बाद हषवर्धन सिंह व पांचों ने अमलेश व प्रकाश के खिलाफ मुहिम चला दी. हालात यह हुआ कि चंद्रभान सिंह को हराने वाले प्रकाश व अमलेश चंद्रभान के पास ही चले गये. इस बीच प्रवीण सिंह को हर्षवर्धन सिंह व अन्य लोगों ने अपनी टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जो उनको सत्ता तक पहुंचाने में मदद की थी.

तोते को निष्कासित करने से गड़बड़ाया माहौल : चंद्रभान सिंह खेमे से अकेले चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह तोते ही थे. लेकिन यूनियन अध्यक्ष अमलेश कुमार व महामंत्री प्रकाश कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते को यूनियन से निष्कासित कर दिया. इसके बाद तोते गुट ने 11 दिसंबर 2016 को आमसभा कर अध्यक्ष और महामंत्री को बाहर कर दिया. 28 दिसंबर 2016 को गुट ने नये पदाधिकारियों को चुनाव किया, जिसमें गुरमीत सिंह तोते को महामंत्री बनाया गया.

तोते गुट ने अपने नये पदाधिकारियों की सूची 2 जनवरी को श्रमायुक्त को भेज दी. लेकिन इसी बीच महामंत्री प्रकाश कुमार ने श्रमायुक्त को अपने नये पदाधिकारियों का नाम दे दिया. मामले के विवादास्पद होने पर लेबर कमीश्नर ने जमशेदपुर के डीएलसी राकेश प्रसाद को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा. उन्होंने फरवरी 2017 को दोनों गुटों की तीन बार बैठक बुलाई और जांच को लेकर विभिन्न दस्तावेज मांगे. दस्तावेज के आधार पर डीएलसी ने 7 मार्च को अपनी रिपोर्ट श्रमायुक्त को भेज दिया. इसके बाद गुरमीत सिंह तोते के गुट को रजिस्टर बी में दर्ज करते हुए मैनेजमेंट व सरकार ने भी मान्यता प्रदान कर दी.

सबकुछ गंवाने के बाद अमलेश व प्रकाश पांच पांडव के पास पहुंचे
जब सबकुछ खत्म हो गया. इसके बाद अमलेश रजक और प्रकाश सिंह वापस हर्षवर्धन सिंह और पांच पांडव के पास पहुंचे. इस बीच संभलने का मौका नहीं मिला और प्रवीण सिंह की पहल पर टीएमएल एंड ड्राइवलाइंस वर्कर्स यूनियन के साथ गुरमीत सिंह तोते का विलय हो गया और नयी यूनियन आ गयी. अब अमलेश व प्रकाश हाईकोर्ट गये हैं, जिसमें मदद हर्षवर्धन सिंह व उनकी टीम कर रही है, लेकिन यह चुनौतीपूर्ण काम है.
साजिश में फंस गये सारे लोग : हर्षवर्धन
हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि कुछ लोग पहले से ही यूनियन को अस्थिर करने की साजिश कर रहे थे. इस साजिश को अमलेश रजक व प्रकाश सिंह नहीं समझ सके, जिस कराण यह स्थिति है, लेकिन यह अन्याय है और गलत चीज का सारे मजदूर के साथ मिलकर हम लोग जवाब देंगे.

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