जमशेदपुर: जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के लिए जहां व्यापारियाें काे निबंधन कराने पर सरकार गंभीरता दिखा रही है, वहीं प्रशासनिक अधिकारी-डीडीआे काे भी जीएसटी नंबर लेने के लिए लगातार दवाब बना रही है. व्यापारी पहले से ही इस दिशा में सक्रियता दिखा रहे है, वहीं दाे बार की डीडीआे के जीएसटी में टर्नअप नहीं हाेने पर फिर से ट्रेनिंग कराने का निर्देश वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त केके खंडेलवाल ने सभी उपायुक्त काे दिया है. काेल्हान में 24 जुलाई के पहले ट्रेनिंग पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
25 जुलाई से ही डीडीआे का जीएसटी में निबंधन प्रारंभ हाे जायेगा. इसके पहले जमशेदपुर-सरायकेला में दाे बार आैर चाईबासा में एक बार डीडीआे काे प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उपायुक्त द्वारा तिथि निर्धारित करने के बाद वाणिज्य कर विभाग कार्यशाला का आयाेजन करेगा.
वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त प्रशासन जेपी टाेप्पाे ने बताया कि निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी, सभी काेषागार पदाधिकारी, कार्य संविदा से संबंधित कार्यपालक अभियंता एवं संवेदकाें काे संविदा कार्य पर स्त्राेत की कटाैती (टीडीएस) का अधिकार है. जीएसटी के तहत निबंधन नहीं करानेवाले डीडीआे टैक्स की कटाैती नहीं कर पायेंगे. एसजीएसटी कीधारा 51 (1) के तहत 2.5 लाख से अधिक का कांट्रेक्ट वैल्यू पर टीडीएस काटने का प्रावधान है. प्राथमिकता के आधार पर बड़ी राशि के कांट्रेक्ट के विरुद्ध भुगतान करनेवाले निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियाें काे प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है. डीडीआे काेषागार, संवेदकाें के साथ-साथ संविदा विभागाें के कार्यपालक अभियंता का जीएसटा नंबर हाेना अनिवार्य है. उपायुक्त के अधीन काफी विभाग हैं, जिनमें डीडीआे हैं, इसलिए उन्हें पत्र लिखकर तिथि तय करने काे कहा गया है.