प्रेमनाथ सिंह की जगह उसकी पत्नी पूनम देवी या बड़ी पुत्री प्रीति को नौकरी मिले इसके लिए परिजन प्लांट हेड ,टेल्को वर्कर्स यूनियन से पिछले दो साल से फरियाद करते रहे, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
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कैंसर से बाइसिक्स की मौत पर कोई नहीं पहुंचा, यूनियन पॉलिटिक्स में उलझे नेता
जमशेदपुर : अाखिरकार कैंसर रोग से पीड़ित टाटा मोटर्स कंपनी का बाइ सिक्स कर्मचारी प्रेमनाथ सिंह जिंदगी की जंग हार गये. 7 जुलाई को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. साल 2015 में बोनस समझौते के दौरान स्थायी होने वाले 321 कर्मचारियों की सूची में प्रेमनाथ का भी नाम शामिल था. मेडिकली अनफिट होने […]
जमशेदपुर : अाखिरकार कैंसर रोग से पीड़ित टाटा मोटर्स कंपनी का बाइ सिक्स कर्मचारी प्रेमनाथ सिंह जिंदगी की जंग हार गये. 7 जुलाई को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. साल 2015 में बोनस समझौते के दौरान स्थायी होने वाले 321 कर्मचारियों की सूची में प्रेमनाथ का भी नाम शामिल था. मेडिकली अनफिट होने से वे स्थायी नहीं हो सके और बाइ सिक्स की नौकरी भी चली गयी.
किसी ने नहीं ली सुध
7 जुलाई को प्रेमनाथ का निधन हो गया, लेकिन टेल्को वर्कर्स यूनियन हो या टीएमएल एंड ड्राइव लाइंस वर्कर्स यूनियन, किसी नेता ने प्रेमनाथ के परिजन को सांत्वना तक देने का समय नहीं निकाल सके. बाइ सिक्स के तौर पर प्रेमनाथ ने कंपनी में दस साल कार्य किया था. हालांकि निधन की सूचना पर डिपार्ट के तीन चार साथी जरूर आये. इसके सिवाय किसी ने परिजनों की सुधि नहीं ली.
परिजनों पर दुखों का पहाड़
प्रेमनाथ की मौत के बाद परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. बीमारी में घर के जेवरात, गहने तक बेचने पड़े. अब परिवार के समक्ष भरण- पोषण की समस्या उत्पन्न हो गयी है. बीमारी के दिनों में प्रेमनाथ की दोनों पुत्रियां प्रीति, प्रिया बच्चों को ट्यूशन पढ़ा बेटे का फर्ज निभाया. प्रेमनाथ का सबसे छोटा बेटा अाशीष कक्षा 9 वीं में पढ़ता है. उसी ने पिता को मुखाग्नि दी.
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