जमशेदपुर : नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बावजूद सरायकेला-खरसावां जिले में नौ माइनिंग लीज का नवीकरण कर उसे संचालन करने का लाइसेंस दे दिया गया था. जिले के पूर्व माइनिंग पदाधिकारी संजय शर्मा ने लीगल राय के आधार परनवीकरण किया था. इस पर नये माइनिंग ऑफिसर संजीव कुमार ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
श्री कुमार ने लीजधारियों की मीटिंग बुलायी और उन्हें एनजीटी की रोक संबंधी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि माइनिंग के मसले पर 13 व 20 जुलाई को एनजीटी में सुनवाई होने वाली है. इस कारण फैसला होने तक वे माइंस चलने की इजाजत नहीं दे सकते. जिन माइंस पर रोक लगायी गयी है वे माइनर मिनरल के हैं और इस श्रेणी में बालू, ईंट, गिट्टी समेत अन्य माइनर मिनरल हैं.
एनजीटी की रोक को सुपरसीड किया गया
पूर्व खनन पदाधिकारी ने खनन विभाग से लीगल राय ली थी. उसके आधार पर एनजीटी के आदेश को नये सिरे से परिभाषित कराया और फिर एनजीटी के आदेश को सुपरसीड कर दिया था तथा खनन लीज का नवीकरण कर दिया था.
एनजीटी की रोक को सुपरसीड नहीं किया जा सकता
माइनर मिनरल के खनन पर एनजीटी की रोक लगी हुई है. इसको सुपरसीड नहीं किया जा सकता है. इस कारण नये खदान को संचालित करने पर रोक लगायी गयी है.
संजीव कुमार, माइनिंग ऑफिसर, सरायकेला-खरसावां