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सीएनटी एक्ट के बुनियादी स्वरूप में बदलाव मंजूर नहीं

जमशेदपुर में झाविमो की जनसभा. नीतीश कुमार ने कहा जमशेदपुर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जमशेदपुर में स्पष्ट तौर पर कहा कि वह सीएनटी आैर एसपीटी एक्ट के बुनियादी स्वरूप में किये जा रहे बदलाव के खिलाफ हैं. झाविमो की ओर से एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में आयोजित विराट जनसभा काे संबाेधित […]

जमशेदपुर में झाविमो की जनसभा. नीतीश कुमार ने कहा

जमशेदपुर : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जमशेदपुर में स्पष्ट तौर पर कहा कि वह सीएनटी आैर एसपीटी एक्ट के बुनियादी स्वरूप में किये जा रहे बदलाव के खिलाफ हैं. झाविमो की ओर से एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में आयोजित विराट जनसभा काे संबाेधित करते हुए नीतीश ने कहा, ‘आदिवासी-मूलवासियाें की हिफाजत के लिए बिरसा मुंडा ने अंग्रेजाें से लड़कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट बनवाया, जिसे आज तक भारत सरकार,
अविभाजित बिहार सरकार ने बदलने की कभी नहीं साेची. उसमें वर्तमान सरकार बदलाव ला रही है. सीएनटी आैर एसपीटी एक्ट के बुनियादी स्वरूप में किया जा रहा बदलाव किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है.’ उन्होंने कहा कि झारखंड में उनकी जब जहां जरूरत पड़ेगी, वे माैजूद रहेंगे.
86 बस्तियों के मालिकाना हक के मुद्दे पर नीतीश ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनका वचन याद
दिलाते हुए कहा, ‘1995 में 86 बस्तियाें काे मालिकाना देने का जाे वचन मेरे मित्र रघुवर दास ने दिया था, उसे पूरा किया जाना चाहिए. वचन पूरा नहीं करने पर लाेकतंत्र काे चाेट पहुंचती है.’ बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जाे माैजूदा हालात हैं, जिस तरह से विकास बाधित है, उसे देखकर उन्हें दुख होता है. उन्हाेंने कहा कि झारखंड गठन में उन्होंने भी भूमिका निभायी है और उन्हें आज भी भराेसा है कि यदि झारखंड की कमान कुशल नेतृत्व को मिलेगा ताे देश का यह नंबर सूूबा बनेगा क्योंकि यहां के लोग मेहनती हैं.
एसपीटी-सीएनटी एक्ट लाेगाें का स्वाभिमान
नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड का गठन यहां के आदिवासी -मूलवासी की भावना के अनुरूप हुआ. उनके मन में था कि अलग हाेंगे ताे आगे बढ़ेंगे. ऐसे में इस एक्ट में संशाेधन का क्या आैचित्य है? इससे बड़ा अन्याय आैर कुछ नहीं हाे सकता है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में इतनी बंदिशें थीं कि यदि आदिवासी भी अपनी जमीन बेचेगा ताे उसे डीसी से परमिशन लेनी हाेगी. आदिवासियाें की निर्भरता कृषि पर है. यहां के लाेग जल-जंगल-जमीन पर जिंदा हैं. राज्य सरकार जमीन पर नया कानून ला रही है.
जमीन हस्तांतरण के तहत किसी की भी जमीन काे जबरन सरकार ले सकती है. सीएनटी आैर एसपीटी एक्ट में संशाेधन के बाद सारे अधिकाराें काे समाप्त किया जा रहा है. अब जमीन का एक प्रतिशत लगान भी देना हाेगा. लगान नहीं देनेवाले की जमीन काे नीलाम कर दिया जायेगा. यह सरासर अन्याय है, इसके लिए झारखंड नहीं बना था. पुराने उद्याेग ताे यहां दुरुस्त नहीं हाे रहे हैं, नया लगाने की बात हाे रही है. लैंड बैंक बना कर मजाक उड़ाया जा रहा है. नीतीश ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे लाेग यहां इस सरकार काे बर्दाश्त कर रहे हैं.
झारखंड अलग होते समय बिहार के लोग मायूस थे, आज आगे निकल गये

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