चौपारण : बिहार में शराबबंदी के बाद बिहार और झारखंड की सीमावर्ती इलाके में शराब बेचनेवालों व पीनेवालों की तादाद बढ़ गयी है. झारखंड की सीमा पर स्थित लाइन होटलों से लेकर छोटे ढाबों तक में सुबह से देर रात तक शराब पीने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. चौपारण में भी कुछ ऐसा ही हाल है. यहां दिन-रात लाइन होटलों व ढाबों में शराब पीनेवालों की भीड़ तो लगी ही रहती है. सरकारी भवन, आंगनबाड़ी केंद्र व खुले मैदान में भी इनका अड्डा लगने लगा है.
आंगनबाड़ी केंद्र में शराबियों का अड्डा: चतरा रोड स्थित अंगरेजी शराब दुकान से महज 50 फीट की दूरी पर अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र नावाडीह में इन दिनों शराबियों का अड्डा लगना शुरू हो गया है. एक अनुमान के मुताबिक बिहार में शराबबंदी के बाद चौपारण में शराब की बिक्री चार गुणा बढ़ गयी है. बताया जाता है कि शाम ढलते ही सीमावर्ती बिहार से लोग झारखंड में प्रवेश कर जाते हैं. उसके बाद देर रात तक होटलों में शराब का दौर चलता है. यहां इन्हें कोई रोकने-टोकनेवाला नहीं है.
दुर्घटनाओं में हुई वृद्धि: जब से बिहार में शराबबंदी हुई है. चौपारण क्षेत्र में अापराधिक घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. वहीं वाहन दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. आये दिन शराब के नशे में लोग वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.
जनवरी माह से अब तक दर्जन भर से अधिक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है. इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है. नावाडीह के लोग लगातार अंगरेजी शराब की दुकान को हटाने की मांग करते रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार जिस स्थान पर दुकान खोली गयी है, वहां घनी आबादी है. यहां सरकारी विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है.