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सीएमडी व आउटसोर्सिंग कंपनी पर दर्ज हो केस

हजारीबाग : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजमहल परियोजना के ललमटिया खदान धंसने व मजदूरों की मौत के मामले में सीएमडी, महाप्रबंधक और आउटसोर्सिंग कंपनी पर हत्या का मामला दर्ज किया जाये और दोषियों को गिरफ्तार किया जाये. श्री मरांडी ने शुक्रवार को हजारीबाग परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने […]

हजारीबाग : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजमहल परियोजना के ललमटिया खदान धंसने व मजदूरों की मौत के मामले में सीएमडी, महाप्रबंधक और आउटसोर्सिंग कंपनी पर हत्या का मामला दर्ज किया जाये और दोषियों को गिरफ्तार किया जाये. श्री मरांडी ने शुक्रवार को हजारीबाग परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड के कोयला खनन क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कंपनी के खनन कार्य में सेफ्टी मेजर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.सेफ्टी को लेकर सावधानियां और अपातकालीन व्यवस्था के लिये आउटसोर्सिंग कंपनियां काम नहीं कर रही हैं. मामले की उच्चस्तरीय जांच भी हो. श्री मरांडी ने कहा कि लगभग 70 से अधिक मजदूरों के दबे होने की सूचना है. घटना के 12 घंटा बीतने के बाद भी राहत कार्य शुरू नहीं करना केंद्र व राज्य सरकार की लापरवाही को दर्शाता है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रघुवर सरकार की उपलब्धि अखबारों के विज्ञापनों और किताबों तक सिमटी है. इस वर्ष रिकार्ड तोड़ धान की फसल होने के बाद भी झारखंड के किसान परेशान हैं.
धान 1600 रुपये क्विंटल खरीदने की घोषणा सरकार ने जरूर की है, लेकिन किसान 800-900 रुपये क्विंटल बिचौलियों के हाथ धान बेचने को विवश हैं. किसानों के टमाटर खरीदने की व्यवस्था सरकार ने सिर्फ कागजों पर की है. उन्होंने कहा कि झारखंड के बेरोजगार युवकों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा. रघुवर सरकार ने ऐसी स्थानीय नीति बनायी है, कि यहां के लड़के दारोगा, शिक्षक, किरानी और अन्य पदों पर बहाल नहीं हो पायेंगे. पहले ही झारखंड के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर बची-खुची जमीन भी अब सरकार छीन लेगी.
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने भी पत्रकार सम्मेलन में कहा कि राजमहल परियोजना में जहां चाल धंसी, वहां पर बचाव कार्य तो दूर पर्याप्त लाइट की भी व्यवस्था नहीं थी. चार जनवरी 2017 को बाबूलाल मरांडी घटनास्थल पर जायेंगे. पीड़ित परिवार से मिलेंगे. मृतक के आश्रितों को सरकारी नौकरी, 20-20 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की है. इस अवसर पर झाविमो नेता शिवलाल महतो, मुन्ना मलिक, खालिद खलील, चंद्रनाथ भाई पटेल, योगेंद्र प्रताप सिंह, नीलम देवी, सरोज सिंह, आर पोद्दार, विनोद गुरु, मो नईम समेत कई झाविमो नेता मौजूद थे.

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