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खेती के लिए तकनीक जरूरी
हजारीबाग : केंद्रीय भूमि चावल अनुसंधान केंद्र में बुधवार को किसान मेला, प्रदर्शनी सह गोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि विधायक मनीष जायसवाल ने मेले का उदघाटन किया. गोष्ठी को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि झारखंड के लिए जलवायु अनुरूप कृषि व्यवस्था बनाने में केंद्र की भूमिका अहम है. वर्तमान में कृषि […]
हजारीबाग : केंद्रीय भूमि चावल अनुसंधान केंद्र में बुधवार को किसान मेला, प्रदर्शनी सह गोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि विधायक मनीष जायसवाल ने मेले का उदघाटन किया. गोष्ठी को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि झारखंड के लिए जलवायु अनुरूप कृषि व्यवस्था बनाने में केंद्र की भूमिका अहम है.
वर्तमान में कृषि लाभकारी बने, इसके लिए किसानों को नयी तकनीक की जानकारी देने व जागरूक करने की जरूरत है. इस केंद्र के माध्यम से किस मिट्टी व मौसम में अधिक उपजाऊ कृषि करने की तकनीक दी जा रही है, इसे पंचायत व गांव स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है. राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक के निदेशक डॉ हिमांशु पाठक ने कहा कि चावल अनुसंधान केंद्र में बदलते मौसम के अनुरूप अच्छा उत्पादन देने के लिए लगातार काम हो रहा है. यहां से कई उन्नत नस्ल की बीज तैयार की गयी है. आइआर 64 सूखा, वंदना, अंजलि धान से खेती करना लाभकारी है. किसानों को धान के अलावा रबी, दलहन, तेलहन एवं सब्जियों के उत्पादकता की जानकारी दी गयी.
इस दौरान फसलों में होनेवाली बीमारी, कीट पतंग से छुटकारा के भी उपाय बताये गये. मेले में चावल अनुसंधान केंद्र, आत्मा, सपोर्ट, केबीके एवं प्लांडू के स्टॉल लगाये गये. सभा को हजारीबाग केंद्र के डॉ दीपांकर मैती, वरीय वैज्ञानिक डॉ सीबी सिंह, अजय श्रीवास्तव, डॉ योगेश कुमार, डॉ एस भगत, डी सिंह, डॉ योगेश कुमार, डॉ एमपी मंडल आदि ने संबोधित किया.
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