कोडरमा बाजारछः उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने शुक्रवार को सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया. इस दौरान कई स्वास्थ्यकर्मी नदारद थे. कुपोषण उपचार केंद्र की स्थिति देख कर डीसी हैरान रह गये.
केंद्र में एक भी कुपोषित बच्चा नहीं पाया गया. जबकि बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टर व तीन एएनएम समेत सात स्वास्थ्य कर्मियों को वहां प्रतिनियुक्त किया गया है. मौके पर डॉक्टर एचके शर्मा और एक एएनएम मौजूद पाये गये. डीसी ने सिविल सर्जन और अस्पताल उपाधीक्षक को मुस्तैदी से काम करने अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा.
डीसी ने सिविल सर्जन से पूछा कि जिले में लगभग 1400 कुपोषित बच्चे चिह्नित किये गये हैं, मगर एक भी बच्चा केंद्र में नहीं है. डीसी ने दवा भुगतान के वाउचर की भी जांच की. निरीक्षण में पाया गया कि जनवरी से लेकर अप्रैल तक मात्र सात कुपोषित बच्चे ही यहां भरती हो पाये हैं. जबकि यहां प्रतिनियुक्त कर्मियों की संख्या सात है. डीसी ने ओपीडी, ब्लड बैंक, प्रसव गृह आदि का भी निरीक्षण किया. स्वास्थ्य कर्मियों की हाजिरी की भी जांच की गयी. कई एएनएम अनुपस्थित पायी गयी. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा उन्हें एक वीडियो क्लिप भी दिया गया है. जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों से पैसा लेते दिखाया गया है. उन्होंने 24 घंटे के अंदर इसका जवाब मांगा. सिविल सर्जन से सभी निजी अस्पताल को निर्देश देने को कहा कि जरूरत पड़ने पर सिर्फ ब्लड बैंक से ही ब्लड लें. मौके पर सिविल सर्जन डॉ शिव शंकर लाल, डीएस डॉ बीपी सिन्हा, डॉ एचके शर्मा, गोपनीय प्रभारी मनोज कुमार दुबे आदि थे.