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गोलियों के बल पर नहीं तय होता विकास का पैमाना: हेमंत
बडकागांव : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को चिरुडीह गोलीकांड में मारे गये लोगों के परिजनों से नहीं मिल पाये. बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से आगे हेमंत सोरेन को जिला प्रशासन ने जाने नहीं दिया. हेमंत को मुख्यालय के पास रोकने के बाद ब्लॉक कार्यालय सभागार में बैठा दिया गया. उनके साथ गोमिया विधायक योगेंद्र महतो, […]
बडकागांव : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को चिरुडीह गोलीकांड में मारे गये लोगों के परिजनों से नहीं मिल पाये. बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से आगे हेमंत सोरेन को जिला प्रशासन ने जाने नहीं दिया. हेमंत को मुख्यालय के पास रोकने के बाद ब्लॉक कार्यालय सभागार में बैठा दिया गया.
उनके साथ गोमिया विधायक योगेंद्र महतो, विधायक चंपई सोरेन, कुणाल षांडंगी, महासचिव विनोद पांडेय व संजीव बेदिया आदि थे. हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से कहा कि सरकार और कंपनी रटी रटायी बात कर रही है. हर हाल में एनटीपीसी को मदद पहुंचाने के लिए रणनीति के तहत निर्दोष लोगों पर गोली चलायी गयी है. गोलियों के बल पर विकास का पैमाना तय नहीं हो सकता है. हत्या करना रघुवर सरकार का पेशा बन गया है. सिंगूर की तरह झारखंड़ भी जल रहा है. कृषि भूमि पर कल कारखाना लगाने से कैसे विकास होगा. उन्होंने कहा: रघुवर की कथनी व करनी में फर्क है.
विधायक निर्मला देवी के संबंध में कहा कि एक महिला होकर इतने दिनों से मजबूती के साथ आंदोलन करने के लिए वह बधाई के पात्र हैं. बड़कागांव के आंदोलन को अब झामुमो के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जायेगा. यहां के सांसद लोगों पर मलहम पट्टी लगाना बंद करे. राज्य सरकार यदि गंभीर रहती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. श्री सोरेन ने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये मुआवाजा व नौकरी की मांग की. एनटीपीसी के प्रभावित 11 पंचायत के 28 गांवों के रैयतों के साथ मिल बैठकर आगे की रणनीति तय करने की बात कही.
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