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सुनाई दे रही थी सिर्फ गोलियों की आवाज

बड़कागांव. बड़कागांव गोलीकांड की घटना ने राज्य सरकार की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. घटना के बाद बड़कागांव में सरकार के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. बड़कागांव गोलीकांड में घायल सोनबरसा निवासी अमित कुमार दास (14) ने रिम्स में बताया कि वह सुबह में […]

बड़कागांव. बड़कागांव गोलीकांड की घटना ने राज्य सरकार की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. घटना के बाद बड़कागांव में सरकार के प्रति आक्रोश है. ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. बड़कागांव गोलीकांड में घायल सोनबरसा निवासी अमित कुमार दास (14) ने रिम्स में बताया कि वह सुबह में शौच से आ रहा था, तभी उसे गोली लगी. उसने कहा कि गोली लगने के बाद मैं गिर गया. उसके बाद लोगों ने मुझे उठाया और अस्पताल ले गये. वहां से मुझे एंबुलेंस से रांची रिम्स लाया गया.
डॉक्टर ने बैंडेज कर छोड़ दिया: रिम्स में परमेश्वर राम एवं बहन सुषमा ने बताया कि डॉक्टरों ने सही समय पर उसके भाई के हाथ में स्टीच नहीं लगाया. डॉक्टर से कई बार कहा कि सर स्टीच लगा दीजिये, लेकिन नहीं लगाया. डॉक्टर बार-बार बोलते रहे की थोड़ी देर में आते हैं. मेरे भाई के हाथ में मांस कट कर लटका हुआ था, लेकिन सिर्फ बैंडेज कर छोड़ दिया गया.
अचानक पैर में लगी गोली: घायल सिंदवारी निवासी विकास कुमार ने कहा कि मैं किनारे खड़ा था. अचानक मेरे दाहिने पैर में गोली लगी. मैंने देखा पुलिस फायरिंग कर रही है. सब इधर-उधर भागने लगे. गोली लगने के बाद मैं भी लड़खड़ाते हुए खिसक कर निकला. वहां सिर्फ गोलियों की ही आवाज सुनाई दे रही थी. गोली चलने से बहुत लोग घायल हो गये. बाद में लोग मुझे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से मुझे रिम्स भेजा गया.

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