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हजारीबाग-रांची रेललाइन पर फिर भू-स्खलन, दो लोग बाल-बाल बचे
हजारीबाग : कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन पर चरही रिच-21 के पास भू-स्खलन से रेलवे की पटरी क्षतिग्रस्त हो गयी. भू-स्खलन से चार जेसीबी मशीन मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गयी. रेलवे पटरी पर तीन मीटर ऊंचाई और 500 मीटर लंबाई तक मिट्टी और पत्थर जमा हो गया है. एकाएक 12 सितंबर की रात यह घटना […]
हजारीबाग : कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन पर चरही रिच-21 के पास भू-स्खलन से रेलवे की पटरी क्षतिग्रस्त हो गयी. भू-स्खलन से चार जेसीबी मशीन मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गयी. रेलवे पटरी पर तीन मीटर ऊंचाई और 500 मीटर लंबाई तक मिट्टी और पत्थर जमा हो गया है.
एकाएक 12 सितंबर की रात यह घटना घटी है. दो चालक किसी तरह जान बचा कर भागने में सफल रहे, जबकि दो जेसीबी मशीन उस समय खड़ी थी. चालक जेसीबी में उस समय नहीं थे.
पिछले तीन दिनों में चरही रेलवे ट्रैक पर पहाड़ के दोनों ओर से मिट्टी और पत्थर काफी मात्रा में गिर जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इस घटना के बाद रेलवे को करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ट्रैक पर ट्रेन इसी माह से चलनेवाली थी. ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने से अब ट्रेन चलने में छह माह का और विलंब होगा.
सीआरएस या अधिकारी को देनी होगी अनुमति: हजारीबाग से बरकाकाना तक पैसेंजर व मालगाड़ी चलाने के लिए 10 अगस्त 2016 को विभाग से सीआरएस हुआ था. विंडो ट्रेनिंग ट्रायल कोलकाता के कमिश्नर प्रमोद कुमार आचार्य ने किया था.
इसके बाद हजारीबाग से बरकाकाना तक रेल चलाने की इजाजत मिल गयी थी, लेकिन चरही में पहाड़ को काट कर बीच से पटरी गुजरी है. भू-स्खलन से पहाड़ के दोनों ओर के पत्थर एवं मिट्टी रेलवे की पटरी पर आ गया है. अब रेलवे को इस क्षतिग्रस्त कार्य को पूर्ण कराना होगा. इस कार्य में कम से कम छह माह लग जायेंगे. कार्य होने के बाद फिर से सीआरएस लेना होगा या मुख्य अभियंता को लिखित देना होगा.
दोबारा होगी पटरी की मरम्मत
रेलवे विभाग अब रेलवे ट्रैक के दोनों ओर पहाड के नीचे से गार्डवाल और जाली लगाने का कार्य शुरू करेगा. इसके लिए रेलवे ने 10 करोड रुपये का स्पेशल लिमिटेड टेंडर निकाला है. अब पटरी और पहाड़ की मिट्टी ठीक करने के बाद दोबारा पटरी की मरम्मत होगी.
कैसे घटी घटना
हजारीबाग से मांडू के बीच रेलवे ट्रैक बिछाने में भू-स्खलन को रोकने नजरअंदाज किया गया. 15 फीट तक पहाड़ काटा गया. लेकिन कई जगह गार्डवाल और जाली नहीं लगाये गये. शुरुआती दौर में पटरी बिछाने के साथ-साथ यह काम होता, तो रेलवे को नुकसान नहीं होता.
हादसे का नहीं था अनुमान: अनिल
उप मुख्य अभियंता अनिल प्रकाश ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया के साथ ही काम की शुरुआत कर दी गयी है. तेज बारिश के कारण भू-स्खलन हुआ है. विभाग को भू-स्खलन का अनुमान नहीं था, इसलिए गार्डवाल व जाली लगाने का काम नहीं किया गया था.
कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन एक नजर में
कोडरमा-हजारीबाग-रांची रेलवे लाइन एक नजर में
वर्ष 2000 में कार्य शुरू हुआ था.
कोडरमा से रांची तक की दूरी 204.79 किमी.
20 फरवरी 2015 से कोडरमा से हजारीबाग तक 79.79 किमी ट्रेन चल रहा है.
हजारीबाग से बरकाकाना तक इसी माह ट्रेन चलनेवाला था.
बरकाकाना से रांची तक का कार्य चल रहा है.
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