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व्यावसायिक पाठयक्रम के निदेशकों के भत्ते पर रोक
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नौ व्यावसायिक पाठयक्रम के निदेशकों को अतिरिक्त भत्ता देने पर रोक लगाया गया है. विवि की वित्त समिति ने बुधवार को यह निर्णय लिया है. वित्त समिति ने निर्णय लिया है कि नौ व्यावसायिक पाठयक्रम के निदेशकों के पद पर कार्य कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षक को अब अतिरिक्त भत्ता […]
हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नौ व्यावसायिक पाठयक्रम के निदेशकों को अतिरिक्त भत्ता देने पर रोक लगाया गया है. विवि की वित्त समिति ने बुधवार को यह निर्णय लिया है. वित्त समिति ने निर्णय लिया है कि नौ व्यावसायिक पाठयक्रम के निदेशकों के पद पर कार्य कर रहे सेवानिवृत्त शिक्षक को अब अतिरिक्त भत्ता के रूप में 28 हजार रुपये का भुगतान नहीं होगा. जिनका भत्ता रोका गया है, उनमें एमसीए, केंद्रीय पुस्तकालय, लॉ कॉलेज के निदेशक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं.
वित्त समिति ने कहा है कि सीएनडी, एमएड, एमबीए, फिजियोथेरेपी, यूसेट एवं बायोटेक के निदेशक सेवानिवृत्त शिक्षक नहीं हैं. इन छह निदेशकों को अतिरिक्त भत्ता के रूप में 10 हजार रुपये मिल रहे थे, लेकिन अब इन्हें दिये जानेवाले अतिरिक्त भत्ता पर भी रोक लगा दी गयी है. विवि वित्त समिति की बैठक बुधवार को कुलपति प्रो गुरदीप सिंह की अध्यक्षता में हुई.
अतिरिक्त भत्ता देने पर रोक: वित्त समिति ने विश्वविद्यालय के शिक्षक जो विश्वविद्यालय के पदाधिकारी बन कर काम कर रहे हैं. जैसे उप-कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी एवं महाविद्यालय निरीक्षक, इन तीनों पदाधिकारियों को शिक्षक के रूप में वेतन मिल रहा है. इन्हें अतिरिक्त भत्ता 10 हजार रुपये अलग से मिल रहे थे. अतिरिक्त भत्ता अब नहीं देने का निर्णय लिया गया है. वित्त समिति ने एक कमेटी बनाकर पूरे मामले को सूचीबद्ध कर समिति में पेश करने को कहा है.
6.73 लाख रुपये का बजट पारित: सीनेट की बैठक 10 सितंबर को होगी. इसके लिए वित्त समिति ने छह लाख 73 हजार रुपये के बजट को पारित कर दिया है. जैपनीज लेंग्वेज एंड कल्चर खोलने के लिए 50 हजार रुपये शीड मनी के रूप में देने पर सहमति बनी है. कर्मचारियों को मोबाइल सेवा देने के लिए कमेटी का गठन किया गया है.
चास कॉलेज को नैक कराने के लिए 30 लाख रुपये की स्वीकृति की गयी है. 23 अगस्त को क्रय विक्रय समिति एवं भवन समिति के निर्णयों को वित्त समिति ने पारित कर दिया गया है. बैठक में प्रतिकुलपति प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा, कुलसचिव एसके सिन्हा, सीसीडीसी गंगानंद सिंह, वित्त पदाधिकारी डॉ एम आलम, वित्त समिति सदस्य डॉ बीके विश्वकर्मा, डॉ रघुवर सिंह, डॉ ध्रुव नारायण सिंह, विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ पी महतो उपस्थित थे.
वित्त समिति ने क्यों लिया यह निर्णय
विश्वविद्यालय में नौ व्यवसायिक पाठयक्रम चल रहे हैं. इन कोर्स को सेल्फ फाइनांसिंग मोड में चलाया जा रहा है. इन व्यवसायिक पाठयक्रमों के विभाग के संचालन के लिए एक निदेशक नियुक्त किया गया है. निदेशक विश्वविद्यालय के वर्तमान कार्यरत शिक्षक और सेवानिवृत्त शिक्षक हैं.
निदेशक को अतिरिक्त भत्ता दो कैटेगिरी, सेवानिवृत्त को 28 हजार रुपये और विभिन्न विभागों में कार्यरत शिक्षकों को 10 हजार रुपये दिये जा रहे थे. वित्त समिति ने निर्णय लिया कि यूजीसी व सरकार के प्रावधान के अनुसार वर्तमान कार्यरत शिक्षक और सेवानिवृत्त शिक्षक को पर्याप्त वेतन, पेंशन एवं अन्य सुविधा मिल रही है. ऐसे में अतिरिक्त भत्ता शिक्षकों को जो निदेशक के पद पर कार्य रहे हैं, दिया जाये या नहीं. वित्त समिति ने इसके लिए एक कमेटी बनाकर पूरे मामले को सूचीबद्ध कर वित्त समिति में पुन: पेश करने का निर्णय लिया.
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